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यूपी: चुनाव में वोट के लोभ में लोगों को पिलाई जाती है ये स्पेशल शराब

जहरीली शराब को पीकर हर वर्ष बड़ी संख्‍या में लोगो की मौत हो जाती हैं। लेकिन मौत का यह खेल कभी नहीं रुकता। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता है वैसे-वैसे ये काला कारोबार और तेजी पकड़ लेता है।

By Arvind Kumar
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यूपी। पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बनने वाली जहरीली शराब को पीकर हर वर्ष बड़ी संख्‍या में लोगो की मौत हो जाती हैं। लेकिन मौत का यह खेल कभी नहीं रुकता। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता है वैसे-वैसे ये काला कारोबार और तेजी पकड़ लेता है। कच्ची शराब के रूप में जहर बेचने वाले इन शराब माफियों का मुखबिर तंत्र इतना तेज है कि जैसे ही आबकारी विभाग का लाव-लश्‍कर खादर की तरफ बढ़ता है, वैसे ही शराब माफियाओं का तंत्र सक्रिय हो जाता है और टीम के भट्टियों तक पंहुचने से पहले ही शराब बना रहे लोग फरार हो जाते हैं और आबकारी विभाग कागजों में खानापूर्ति कर वापस लौट आती है।

संगठित तरीके से चलाया जा रहा है ये धंधा

संगठित तरीके से चलाया जा रहा है ये धंधा

आबकारी विभाग से जब इस धंधे की जानकारी ली गई तो ये बात सामने आई कि ये धंधा संगठित तरीके से चलाया जा रहा है। इतना संगठित की यहां तक पहुचना आसान नहीं नामुमकिन हैं। क्योंकि कहीं झील के बीचोबीच तो कहीं गंगा किनारे इस अवैध शराब के कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, मासूम बच्चो का भी इस कारोबार में इस्तेमाल किया जा रहा है

ऐसे तैयार हो रही है ये जहरीली शराब

ऐसे तैयार हो रही है ये जहरीली शराब

लाहन कहे जाने वाली इस आधी बनी कच्‍ची शराब को बनाने के लिए पहले गन्‍ने के रस में यूरिया सहित कई खतरनाक केमिकल मिला कर जमीन के नीचे दबा दिया जाता है और जब ये मौत का सामान सड़ जाता है, फिर इसे बड़ी-बड़ी भट्टियों पर चढ़ाया जाता है। इन तश्वीरो में साफ तौर से देख सकते है कि कितनी आसानी से ये अवैध शराब की भट्टी चला रहे है ओर इस कच्ची शराब की पैकिंग की भी बड़ी सावधानी से की जाती है।

पुलिस और आबकारी विभाग की इनसे है मिलीभगत

पुलिस और आबकारी विभाग की इनसे है मिलीभगत

देखा जाये तो अवैध शराब का ये काला कारोबार स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। अगर इस धंधे से जुड़े लोगों की बात माने तो मेरठ के खादर इलाके में हजारो भट्टियां सुलगकर मौत का सामान तैयार कर रही हैं और चुनाव के मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशी इनसे शराब खरीद कर जनता में बांट रह हैं। इतना ही नहीं इस धंधे के लोगों को डर नहीं है, क्‍योंकि पुलिस और आबकारी विभाग के स्‍थानीय लोगों से उनकी पूरी तरह से मिलीभगत है। ये भी पढ़ें: पीएम मोदी की काशी में घमासान जारी, बीजेपी-अपना दल गठबंधन खतरे में

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English summary
uttar pradesh political party serve poisonous liquor and to drink to wine people dieing in every in most of number.
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