योगीराज: मोदी की काशी में लाल बत्ती वाली नेता जी की गईं पैदल
पुलिस ने क्रेन मंगवाई लेकिन तभी जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर आ धमकी और उन्होंने कहा की सफारी गाड़ी मेरी है और 1 मई तक आदेश है आप नहीं ले जा सकते पर पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी।
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में योगीराज आने के बाद पुलिस ने अब केंद्र सरकार के फरमान को समय से पहले ही अमल में लाना शुरू कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार को जहां आदेश किया कि 1 मई से पूरे भारत में अब राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, नेता कोई भी लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
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इसका असर गुरुवार को ही काशी के जिला मुख्यालय मेन गेट पर दिखा, दरअसल एसएसपी ऑफिस के बाहर जब एसएसपी नितिन तिवारी ने लाल बत्ती लगी एक कार को देखकर पुलिस ऑफिसर्स को आदेश दिया की तत्काल कार्रवाई की जाए। कार में काली फिल्म, राष्ट्रीय ध्वज और बत्ती कैसे लगी है? इसी सवाल पर पुलिस ने क्रेन मंगवाई लेकिन तभी जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर आ धमकी और उन्होंने कहा की सफारी गाड़ी मेरी है और 1 मई तक आदेश है आप नहीं ले जा सकते पर पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और जवान के साथ उनके सफारी को थाने भेजवा दिया। जिसके बाद अपराजिता सोनकर को पैदल ही वहां से जाना पड़ा।
जिला पंचायत अध्यक्ष खुद हैं शॉक्ड
वाराणसी के जिला मुख्यालय पर इस प्रकरण के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर खुद शॉक्ड हैं, विधानसभा चुनाव से पहले अपराजिता ने समाजवादी पार्टी की सरकार में अपनी जीत दर्ज की थी और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थीं। अपराजिता सोनकर ने कहा कि मेरी गाड़ी हमेशा वहीं खड़ी होती है फिर नई सरकार बनने के बाद ऐसा क्यों किया जा रहा है, इसके पहले मुझे सूचना भी नहीं दी गई और इस तरीके से कर्रवाई क्यों की जा रही है? मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा है, बहरहाल पुलिस की कर्रवाई के बाद अपराजिता सोनकर की जब पुलिस ने एक ना सुनी तो वो पैदल ही चली गईं।
क्या कहते हैं एसएसपी?
एसएसपी नितिन तिवारी ने OneIndia को बताया की शहर में ब्लैक फिल्म प्रतिबंधित है और अपराजिता सोनकर की गाड़ी इसका उल्लंघन करती है। वहीं लाल बत्ती के सवाल पर उन्होंने बताया कि इस कैंपस में उनकी गाड़ी लगातार बेतरतीब ढंग से खड़ी पाई जाती है, जिसके चलते कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबित 1 मई से ही लाल बत्ती लगी गाड़ियों पर कार्रवाई होगी।
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