लखनऊ कैंट की सीट को मुलायम की बहू अपर्णा बनाएंगी रोचक!
यूपी चुनाव में बदलते समीकरण के बीच अपर्णा यादव और रीता बहुगुणा जोशी के बीच की जंग हो सकती है दिलचस्प, पार्टी की ओर से टिकट मिलने के बाद होगा मुकाबला आर-पार का।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनावी समर में दलबदल के चलते कई ऐसे समीकरण बन रहे है जिन्हे देखना काफी दिलचस्प होगा। पहले जो रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस में थी और वह लखनऊ के कैंट से विधायक थी, वही रीता बहुगुणा जोशी एक बार फिर से लखनऊ कैंट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। इसी सीट पर सपा में कलह से पहले प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को टिकट दिया गया था लेकिन पार्टी के भीतर विवाद के बाद उनके नाम का अभी तक अखिलेश खेमे का ऐलान नहीं किया गया है।
चुनावी रण से पहले परिवार का रण जीतना अहम
हालांकि अपर्णा यादव के नाम का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है लेकिन चुनावी रण में रीता बहुगुणा जोशी से मुकाबले से पहले अपर्णा को अपने ही परिवार के भीतर लोगों से बड़ी लड़ाई जीतनी होगी। अपर्णा यादव पिछले काफी समय से लखनऊ कैंट क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार कर रही हैं और लंबे समय से यहां सक्रिय हैं, इस सीट पर पहले कभी सपा को जीत हासिल नहीं हुई है, लिहाजा अपर्णा पूरी कोशिश कर रही थीं कि वह इस सीट पर जीत दर्ज करें, लेकिन इस रण को जीतने से पहले उनके सामने परिवार से निपटने की बड़ी चुनौती है।
अखिलेश
ने
नहीं
दिया
है
टिकट
सपा
की
कमान
संभालने
के
बाद
अखिलेश
यादव
ने
कांग्रेस
के
साथ
गठबंधन
किया
और
तकरीबन
300
सीटों
पर
उम्मीदवारों
का
ऐलान
कर
दिया
है,
जिसमें
अभी
भी
लखनऊ
कैंट
से
अखिलेश
ने
उम्मीदवार
का
ऐलान
नहीं
किया
है।
सपा
में
अखिलेश-शिवपाल
के
भीतर
मचे
घमासान
के
बीच
अपर्णा
यादव
को
शिवपाल
टीम
का
समर्थक
माना
जाता
था,
लेकिन
जिस
तरह
से
अब
शिवपाल
को
पार्टी
से
किनारे
लगाया
गया
है,
ऐसे
में
अपर्णा
के
सामने
भी
बड़ी
चुनौती
है।
अखिलेश
समर्थक
का
मानना
है
कि
अपर्णा
यादव
पार्टी
के
भीतर
युवा
चेहरे
के
तौर
पर
खुद
को
स्थापित
करना
चाहती
हैं
और
वह
प्रतीक
यादव
की
जगह
खुद
को
पार्टी
के
भीतर
स्थापित
करना
चाहती
हैं।
अगर अखिलेश यादव अपर्णा यादव को कैंट से उम्मीदवार के तौर पर घोषित करते हैं तो उनके सामने रीता बहुगुणा जोशी की चुनौती है, जोकि मौजूदा समय में यहां से विधायक हैं। रीता प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एचएन बहुगुणा की बेटी हैं और वह प्रदेश में कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं, लेकिन गत वर्ष 24 साल तक कांग्रेस के साथ रहने के बादभाजपा का हाथ थाम लिया था।
रीता
मजबूत
दावेदार
आपको
बता
दें
कि
रीता
बहुगुणा
जोशी
2012
के
चुनाव
में
कांग्रेस
की
सीट
से
जीती
थी
और
अखिलेश
यादव
के
बेहतरीन
प्रदर्शन
के
बाद
भी
जीत
दर्ज
की
थी।
इस
चुनाव
में
कांग्रेस
का
प्रदर्शन
बेहद
निराशाजनक
रहा
था
और
पार्टी
को
सिर्फ
29
सीटें
ही
हासिल
हुई
थी।
जिसमें
से
एक
रीता
बहुगुणा
की
भी
थी,
उन्होंने
20,000
वोटों
से
इस
चुनाव
में
जीत
हासिल
की
थी।
लेकिन
इस
बार
सपा
और
कांग्रेस
एक
साथ
चुनावी
मैदान
में
उतर
रही
हैं,
लेकिन
रीता
बहुगुणा
जोशी
भाजपा
की
उम्मीदवार
हैं।
मैनचेस्टर
यूनिवर्सिटी
से
ली
राजनीति
की
शिक्षा
हाल
ही
में
एक
कार्यक्रम
के
दौरान
अपर्णा
यादव
ने
कहा
था
कि
उन्हें
सौ
फीसदी
भरोसा
है
कि
पार्टी
की
ओर
से
उन्हें
टिकट
मिलेगा
और
वह
इस
कैंट
सीट
से
चुनाव
लड़ेंगी
और
चुनाव
में
जीत
दर्ज
करेंगी।
अपर्णा
यादव
तीन
साल
के
बच्चे
की
मां
हैं
और
वह
एक
एनजीओ
भी
चलाती
हैं,
वह
राजनीति
विज्ञान
व
अंतर्राष्ट्रीय
संबंध
में
मैनचेस्टर
यूनिवर्सिटी
से
पीजी
किया
है।
वह
एक
शास्त्रीय
गायिका
भी
हैं।
अपर्णा
यादव
मुलायम
सिंह
की
दूसरी
पत्नी
साधना
के
बेटे
प्रतीक
यादव
की
पत्नी
हैं,
जिनका
रियल
स्टेट
का
बिजनेस
और
जिम
का
बिजनेस
है।
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