सपा नेता नितिन अग्रवाल पर भड़का सिपाही, इनकी सरकार में गुंडे पुलिस को पीटते थे
हरदोई में सपा सरकार में मंत्री रहे नितिन अग्रवाल के देखकर एक सिपाही भड़क गया। उसने आरोप लगाया कि नितिन अग्रवाल के इशारे पर उसको पीटा गया था।
हरदोई। समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे नितिन अग्रवाल के पीएसओ द्वारा मामूली बात पर सिपाही को पीटे जाने के मामले में सिपाही ने हरदोई एसपी से मुलाकात की। सिपाही ने सदर विधायक नितिन अग्रवाल पर आरोप लगाकर मामले में कार्यवाही की मांग की। बता दें कि 28 फरवरी 2016 को मंत्री नितिन अग्रवाल के पीएसओ ओझा ने हजरतगंज चौराहे पर उसको इस कारण पीट दिया था क्योंकि उसने लालबत्ती होने के कारण गाड़ी खड़ी कर दी थी। आरोप है कि बेल्टों से काफी पीटा गया था और उस समय मंत्री के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी।
सपा नेता को देखकर हुआ आगबबूला
यूपी के हरदोई में पूर्व मंत्री नितिन अग्रवाल को एसपी ऑफिस के बाहर देखते ही एक सिपाही आगबबूला हो गया। उसने मंत्री के इशारे पर उनके गनर पर मारपीट का आरोप लगाया और पूर्व मंत्री, उनके गनर व एसआई एमटी पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग उठाई। सिपाही की तहरीर पर पिछले साल लखनऊ के महानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी लेकिन जांच हरदोई की पुलिस लटकाए हुए है। जांच कराने के लिए सिपाही ने एसपी को प्रार्थना पत्र भी दिया है।
सिपाही ने सपा नेता पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व मंत्री और सदर विधायक नितिन अग्रवाल सोमवार दोपहर करीब 12 बजे एसपी चंद्र प्रकाश से मिलने गए थे। बावन ब्लॉक प्रमुख धर्मेंद्र सिंह पर मुकदमा दर्ज करने के मामले बात कर वह करीब पंद्रह मिनट बाद बाहर निकले और पत्रकारों से चर्चा में धर्मेंद्र पर फर्जी मुकदमा दर्ज होने की बात कह रहे थे। इसी बीच पुलिस लाइन में तैनात सिपाही प्रदीप मिश्र पहुंच गया। पूर्व मंत्री को देखते ही सिपाही भड़क गया। उसने कहा कि अब फर्जी मुकदमा लिखाने की दुहाई दे रहे हैं। इनकी सरकार थी तब गुंडे पुलिस को पीटते थे।
नितिन अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
सिपाही ने कहा कि जब नितिन मंत्री थे तो मैं उनके स्कॉर्ट की गाड़ी चलाने गया था। मंत्री के इशारे पर मुझे पीटा गया था। मैंने इसकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। जिले के सभी अधिकारी मंत्री की मर्जी से आते थे औरे उनके इशारे पर काम करते थे। रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद मेरे मामले में कार्रवाई नहीं हुई। एसआई एमटी जयकृष्ण शर्मा मुझ पर लगातार मुकदमा वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं। मेरी मांग है कि पूर्व मंत्री नितिन अग्रवाल, सुरक्षा में तैनात विनय ओझा और एसआईएमटी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मीडिया से बात करने के बाद सिपाही प्रदीप ने एसपी चंद्र प्रकाश को शिकायती पत्र देकर मारपीट के मामले में कार्रवाई कराने की मांग की। एसपी चंद्र प्रकाश ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
18 मई 2016 को हुई थी मारपीट
सिपाही प्रदीप मिश्र पुलिस विभाग में चालक है। पिछले साल वह तत्कालीन मंत्री नितिन अग्रवाल के स्कॉर्ट में गाड़ी चलाता था। प्रदीप के अनुसार 18 फरवरी 2016 में मंत्री के स्कॉर्ट की गाड़ी लेकर लखनऊ गया था। हजरत गंज चौराहा पर लाल सिग्नल होने पर गाड़ी रोक दी। इस पर पीछे की गाड़ी में चल रहे मंत्री के सुरक्षाकर्मी विनय ओझा ने वायरलेस पर गाड़ी रोकने का कारण पूछा और गाली-गलौच करने लगा। बंगले पर पहुंचने पर विनय ने फिर बदसलूकी की। विरोध करने पर सिपाही को बेल्टों से जमकर पीटा। सिपाही का आरोप है कि इसी बीच मंत्री नितिन बंगले से बाहर निकले और उसे स्कॉर्ट की गाड़ी में डलवा लिया। अन्य कर्मियों व मीडिया के लोगों ने उसे छुड़ाया था।
सिपाही ने लखनऊ के महानगर थाने में तहरीर दी थी लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। सिपाही ने अखबार और टीवी चैनलों के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की तब सुरक्षाकर्मी ओझा के रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी। सिपाही ने जिला अस्पताल में हरदोई मेडिकल कराकर रिपोर्ट एसएसपी लखनऊ और एसपी हरदोई को दी थी। कार्रवाई न होने पर 20 मई 2016 को सिपाही ने तत्कालीन एसपी से फिर गुहार लगाई। 22 मई को एसपी ने जांच का दिया था लेकिन जांच फाइलों में दबा दी गई।
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