कॉन्स्टेबल ने बताया- आखिर यूपी पुलिस कैसे करती है 'रोमियो' की पहचान
एक जीप में दो महिला और दो पुरुष कॉन्स्टेबल दिनभर सड़कों पर सिर्फ ऐसे लोगों की तलाश करते हैं जो महिलाओं से छेड़छाड़ या बदसलूकी करते हैं।ऐसे लोगों की पहचान कैसे होगी इसे लेकर उनके पास खुद के तय मानक हैं
मेरठ। यूपी में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सक्रिय हुए एंटी रोमियो स्क्वॉड ने लगातार कार्रवाई करके लड़कियां छेड़ने वालों की धर-पकड़ की है। शरारतीतत्वों को पकड़ने के लिए पुलिस किस हद तक जा सकती है ये तय नहीं है। किसके साथ कैसे पेश आना है और ऐसे लोगों की पहचान कैसे होगी यह पुलिस अपने हिसाब से तय करती है।
'हमारा
अनुभव
आता
है
काम'
मेरठ
में
पुलिस
की
एक
जीप
में
दो
महिला
और
दो
पुरुष
कॉन्स्टेबल
दिनभर
सड़कों
पर
सिर्फ
ऐसे
लोगों
की
तलाश
करते
हैं
जो
महिलाओं
से
छेड़छाड़
या
बदसलूकी
करते
हैं।
लेकिन
ऐसे
लोगों
की
पहचान
कैसे
होगी
इसे
लेकर
उनके
पास
खुद
के
तय
किए
मानक
हैं।
एक
कॉन्स्टेबल
ने
कहा,
'अब
किसी
के
चेहरे
पर
नहीं
लिखा
होता
कि
रोमियो
है
लेकिन
हमारी
इतने
साल
की
ड्यूटी
है
कि
हम
लड़कों
की
आंख
से,
उनके
चेहरे
से
और
उनके
खड़े
होने
के
अंदाज
से
पहचान
लेते
हैं
कि
कौन
शरीफ
घर
का
है
और
कौन
रोमियो
है।'
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'एक
लड़का
और
लड़की
कभी
दोस्त
नहीं
होते'
एक
गर्ल्स
कॉलेज
के
बाहर
खड़े
लड़के
को
पुलिस
टीम
ने
पकड़
लिया।
उसने
बताया
कि
वह
एक
दोस्त
से
मिलने
आया
है
लेकिन
पुलिसकर्मी
उसे
कहते
हैं,
'एक
लड़का
और
लड़की
कभी
दोस्त
नहीं
हो
सकते।
अगर
दोस्ती
इतनी
अच्छी
है
तो
लड़की
के
घर
जाओ
और
उसके
माता-पिता
से
उससे
बात
करने
की
अनुमति
लो
पहले।
सड़कों
पर
ऐसे
माहौल
मत
खराब
करो।'
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मुश्किल
में
योगी
सरकार,
CM
के
पास
पहुंची
उनके
ही
केस
की
फाइल
'हम
सिर्फ
शहर
की
सुरक्षा
देख
रहे
हैं'
एसपी
सिटी
आलोक
प्रियदर्शी
ने
दावा
किया
है
कि
पुलिस
किसी
तरह
की
मॉरल
पुलिसिंग
नहीं
कर
रही
है।
उन्होंने
कहा,
'हम
सिर्फ
शहर
की
सुरक्षा
देख
रहे
हैं।
हमारा
मकसद
किसी
को
प्रताड़ित
करना
या
परेशान
करना
नहीं
है।'
एक
कॉन्स्टेबल
ने
कहा
कि
यह
पुलिस
का
काम
है
कि
युवाओं
को
सही
राह
पर
चलाए।