यूपी: यहां खेत में शौच के लिए देना पड़ता है टैक्स, जानिए कितना...
ग्रामीणों का कहना है कि न तो इन दलितों के पास रहने के लिए घर हैं और न खेत। आय का भी कोई साधन नहीं है इसके बावजूद गांव में जिनके पास खेत हैं वो इन परिवारों से शौच के लिए भी टैक्स वसूलते हैं।
नई दिल्ली। जहां एक ओर केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छ भारत अभियान के जरिए लोगों को सफाई के लिए जागरुक करने में जुटी हुई है। देशभर में लोगों को टॉयलेट की उपयोगिता समझाने और इसके ज्यादा से ज्यादा निर्माण को लेकर कदम बढ़ा रही है। दूसरी ओर यूपी का एक गांव ऐसा है जहां खेतों में शौच के लिए टैक्स देना पड़ता है।
बांदा के गांव का हाल
मामला बांदा के अतर्रा इलाके में आने वाले गांव भुजवन का पुरवा गांव का है। एनबीटी में छपी खबर के मुताबिक इस गांव में रहने वाले दलित परिवारों को खेत में शौच को लेकर 40 रुपये टैक्स देना पड़ रहा है। ये हालात आज से नहीं हैं, 10 साल से भी ज्यादा का वक्त गुजर गया है। बताया जा रहा है कि शौच की कोई सुविधा इन दलित परिवारों के पास नहीं है। ये जहां रहते हैं वहां से करीब 3 किमी. दूर तक खेत ही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि न तो इन दलितों के पास रहने के लिए घर हैं और न खेत। आय का भी कोई साधन नहीं है इसके बावजूद गांव में जिनके पास खेत हैं वो इन परिवारों से शौच के लिए भी टैक्स वसूलते हैं। ये दलित परिवार खास-फूस की झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। इन्हें गांव के जिन लोगों के पास खेत हैं उनके यहां मजदूरी करनी पड़ती है। इसके लिए उन्हें करीब 70 रुपये की दैनिक मजदूरी दी जाती है। इसमें भी अगर दलित परिवार की महिलाएं खेतों में शौच के लिए जाती हैं तो उन्हें 40 रुपये का टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई मेहमान आ जाए तो टैक्स राशि में 10 रुपये की वृद्धि हो जाती है।
बताया जाता है कि भुजवन का पुरवा गांव में 100 से ज्यादा परिवार हैं। इनमें 50 से ज्यादा परिवार दलितों के हैं। इनमें भी ज्यादातर के पास आवास की सुविधा नहीं है। ऐसे में इन्हें बाकी परिवारों के खेतों में काम करके अपनी आजीविका चलानी पड़ती है। बताया जा रहा है कि इन्हें पिछले साल एक-एक बिस्वा जमीन का आवासीय पट्टा दिया गया था। लेकिन अब तक उन्हें मकान नहीं मिले हैं। जिन दलितों के पास घर हैं उनके पास टॉयलेट की सुविधा नहीं है। ऐसे में टैक्स देने को परिवार मजबूर हैं। फिलहाल मामले की जानकारी होने पर अतर्रा में प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले में जांच की बात कही है।