यूपी चुनाव 2017: 24 साल पुरानी दलित-मुस्लिम लव स्टोरी मायावती को दिला सकती है जीत
किरण भारती ने मोहम्मद शौकत खान से प्रेम विवाह किया था। और अब बलहा सीट से किरण भारती बसपा की उम्मीदवार हैं। उन्हें दलित और मुस्लिमों का समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है।
बहराइच। यूपी चुनाव में राजनीतिक पार्टियां कोई भी दांव-पेंच खेलने से पीछे नहीं हट रही हैं। ऐसे में अगर किसी पार्टी को 'ट्रंप कार्ड' मिल जाए तो बात ही अलग हो। ऐसा ही कुछ बहुजन समाजवादी पार्टी के मुखिया मायावती के हाथ लगा है और उन्होंने इस 'ट्रंप कार्ड' को सही जगह पर इस्तमाल किया है। जी हां मायावती ने इस बार बहराइच की बलहा सीट पर दलित-मुस्लिम लव स्टोरी का प्रयोग किया जो उन्हें चुनाव जीता सकता है। आपको बता दें कि यह प्रेम कहानी आज से 24 साल पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस से शुरु हुई थी।
किरण भारती ने मोहम्मद शौकत खान से प्रेम विवाह किया था। और अब बलहा सीट से किरण भारती बसपा की उम्मीदवार हैं। उन्हें दलित और मुस्लिमों का समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। भारती इस सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी को कड़ी टक्कर दे रही है। आपको बता दें कि बलह विधानसभा सीट यूपी-नेपाल की सीमा से लगता है। यह पूरा इलाका धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है। बलहा में 3.5 लाख मतदाताओं में से मुसलामानों की संख्या 90,000 और दलितों की संख्या 80,000 है।
कब शुरु हुई थी भारती-शौकत की मोहब्बत
दोनों पहली बार तब मिले थे जब वह 1992 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में आयोजित एक अंतर-विश्वविद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आये थे। शौकत खान उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के सचिव थे जबकि किरण भारती भारती लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज भौतिक चिकित्सा में कोर्स कर रही थी।
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1994 में परिवारों के विरोध के बावजूद दोनों ने शादी कर ली थी और अब दोनों तीन बेटे और एक बेटी के साथ लखनऊ में रहते हैं। खान ने अब चिकित्सक के रूप में भी अभ्यास छोड़ दिया है और एक पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ है साथ ही वह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं। शौकत खान डूसू में छात्र राजनीति का हिस्सा रहे हैं और वह विश्वविद्यालय में अंतिम मुस्लिम सचिव थे।