यूपी चुनाव: रिकॉर्ड मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने के बाद भी बीएसपी है परेशान, जानिए वजह...
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या में 18 फीसदी मुस्लिम आबादी है। बीएसपी ने पहले और दूसरे चरण की 140 सीटों के चुनाव में 50 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि उनके पास तीन ही स्टार प्रचारक दिख रहे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में चुनाव में शानदार प्रदर्शन की कवायद में जुटी बहुजन समाज पार्टी खास रणनीति से आगे बढ़ रही है। बीएसपी का गेमप्लान बिल्कुल साफ है। उसकी नजर दलित-मुस्लिम वोट बैंक पर है, जिसे साधने के लिए पार्टी ने प्रदेश में रिकॉर्ड 99 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
बीएसपी में मुस्लिम स्टार प्रचारकों की कमी
पार्टी सुप्रीमो मायावती की योजना मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करने की है, इसीलिए पार्टी ने इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। हालांकि बीएसपी सुप्रीमो को चुनावी गणित में एक कमी नजर आ रही है। पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट तो दे दिया है लेकिन पार्टी के पास चुनाव प्रचार के लिए कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं हैं। वहीं बसपा के मुकाबले में समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के पास कई बड़े नाम हैं जो इस वोटबैंक में सेंध लगा सकते हैं।
बीएसपी के पास मुस्लिम स्टार प्रचारकों में केवल तीन नाम
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या में 18 फीसदी मुस्लिम आबादी है। बीएसपी ने पहले और दूसरे चरण की 140 सीटों के चुनाव में 50 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि पार्टी के स्टार चुनाव प्रचारकों की बात करें तो पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में महज तीन नेता मुस्लिम समुदाय से हैं। इनमें पार्टी के महासचिव और पश्चिमी यूपी के इनचार्ज नसीमुद्दीन सिद्दीकी, उनके बेटे अफजल और अलीगढ़ और आगरा डिविजन के पार्टी कोऑर्डिनेटर शमसुद्दीन रईन का नाम शामिल है।
सपा के पास चुनाव प्रचार के लिए कई मुस्लिम चेहरे
समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों की बात करें तो सबसे बड़ा नाम कैबिनेट मंत्री आजम खान का नाम सबसे ऊपर है। आजम खान सपा के टिकट पर रामपुर से उम्मीदवार हैं। इनके अलावा अमरोहा से कमाल अख्तर, संभल से आने वाले राज्य सभा सांसद जावेद अली खान, अमरोहा से आने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले जावेद आब्दी, यूपी सरकार में मंत्री अहमद हसन, पूर्व एमएलसी ख्वाजा हलीम, मुलायम यूथ ब्रिगेड के राज्य अध्यक्ष मोहम्मद एबद, सपा के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी का नाम शामिल है।
चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस के पास भी हैं कई बड़े चेहरे
समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस के पास भी कई मुस्लिम चेहरे हैं जिनका यूपी में बड़ा असर है। इनमें कांग्रेस के यूपी इंचार्ज गुलाम नबी आजाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, अहमद पटेल, शकील अहमद, जुबेर खान, शकील अहमद खान और रिजवान जहीर बड़े नाम हैं। पश्चिमी यूपी के बहुजन समाज पार्टी से जुड़े नेताओं की मानें तो विरोधी दलों के स्टार प्रचारकों के मुकाबले उनकी पार्टी के तीनों मुस्लिम स्टार प्रचारक उनके समुदाय में इतने प्रसिद्ध नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी ने इमरान मसूद को सहारनपुर से उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था। वहीं एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी की भी नजर मुस्लिम वोटरों पर है। उनका भी प्रदेश में चुनाव प्रचार और रैली का कार्यक्रम है।
क्या मायावती का मुस्लिम दांव यूपी चुनाव में कामयाब होगा?
बहुजन समाज पार्टी के राज्य सभा सांसद मुनकाद अली भी पार्टी में हैं लेकिन उनका नाम स्टार प्रचारकों में नहीं है। वो मेरठ के हैं और 2014 तक पश्चिमी यूपी के पार्टी इंचार्ज थे। दूसरी ओर बीएसपी के मेरठ डिविजन के 'भाईचारा' कोऑर्डिनेटर हाजी सबील के मुताबिक बीएसपी का चुनाव प्रचार अन्य पार्टियों से ज्यादा मजबूत है। स्टार प्रचारक पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हैं लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय नेता लोकल स्तर पर पार्टी को मजबूत करते हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी रोजाना 6 चुनावी सभाएं कर रहे हैं। जिसका हमें अच्छा प्रभाव मिल रहा है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी ने मुख्तार अंसारी को भी पार्टी में शामिल किया है। मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी प्रदेश में बीएसपी के प्रचार करेंगे। पार्टी को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं कि अखिलेश यादव की सपा पर सीधा निशाना साधेंगे।