सभी सीटों पर कड़ा मुकाबला, जानिए उन्नाव में किस पार्टी की क्या है स्थिति?
उन्नाव जिले में छह विधानसभा सीटों पर इस बार बेहद कड़ा मुकाबला है। भाजपा, बसपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए विधानसभा की डगर आसान नहीं है।
उन्नाव। कांग्रेस द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही जनपद में सपा के साथ गठबंधन में मिली सीट स्पष्ट हो गई है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के अंदर घमासान चालू है। भाजपा में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भी बगावत के स्वर बड़े पैमाने पर फूट रहे हैं। कई पूर्व विधायकों ने पार्टी से त्यागपत्र देकर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने का एलान किया है। वहीं, कई दावेदारों ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। पार्टी के अंदर मचे इस कलह से बीजेपी के कर्णधारों की नींद ही उड़ हुई है ऐसे में मान-मनौव्वल का दौर जारी है। भाजपा के अंदर सुलगी आग कब और कैसे शांत होगी इसका अभी कोई अंदाजा नहीं है। लेकिन बीजेपी पार्टी की जो अभी स्थिति है वे पूरी तरह से पार्टी के लिए उल्टी गिनती के समान है। यदि बिहार की कहानी भी यहां दोहराई गई तो बीजेपी के लिए परिणाम चौकानें वाले आ सकते हैं। ये भी पढ़ें: यूपी विधानसभा चुनाव 2017: गुलाबी गैंग की संस्थापक पर कांग्रेस ने लगाया दांव
बांगरमऊ विधानसभा
लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले कुलदीप सिंह सेंगर को भारतीय जनता पार्टी ने बांगरमऊ से प्रत्याशी बनाया है। इसके पहले कुलदीप सिंह सेंगर सदर विधानसभा से बसपा के टिकट पर भी चुनाव जीत चुके हैं। दूसरी बार दल-बदल कर समाजवादी पार्टी के चुनाव निशान पर बांगरमऊ और तीसरा चुनाव 2012 में भगवंत नगर से जीत चुके हैं। लगातार चौथी बार विधायक बनने के लिए उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के साथ सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। वर्तमान में ये सीट समाजवादी पार्टी के विधायक बदलू खान के पास है। सपा ने बदलू खान को दोबारा प्रत्याशी बनाया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने मों. इरशाद खान को इस इस विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया है।
सफीपुर विधानसभा
आरक्षित सीट सफीपुर से भाजपा ने बंबा लाल दिवाकर को टिकट दिया है। समाजसेवा के साथ बंबा लाल का चश्मा के बहुत बड़ा व्यवसाय है। बड़े-बड़े शहरों में इनकी दुकानें हैं। सफीपुर विधानसभा क्षेत्र के फतेहपुर चोरासी गांव के रहने वाले बंबा लाल दिवाकर का मुकाबला समाजवादी पार्टी के निवर्तमान विधायक सुधीर कुमार रावत के साथ है जो लगातार दो बार सफीपुर क्षेत्र से विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। टिकट वितरण के बाद भाजपा के अंदर असंतोष चरम पर है, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है। सफीपुर से बसपा ने 2012 के रनर रहे रामबरन को प्रत्याशी बनाया है।
मोहान विधानसभा
बहुजन समाज पार्टी के निवर्तमान विधायक राधे लाल रावत के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने बृजेश रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है। रावत पेशे से प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। बृजेश रावत पर विश्वास जताना बीजेपी के पूर्व विधायक मस्तराम को नागवार गुजरा और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन कराने का निर्णय लिया है। विगत विधानसभा चुनाव में राधे लाल रावत ने मस्तराम को लगभग 10000 मतों से हराया था। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद मिली सीट पर कांग्रेस ने भगवान दास कठेरिया को चुनाव में उतारा है।
उन्नाव सदर विधानसभा
भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान विधायक पंकज गुप्ता एक बार फिर क्षेत्र में दमखम दिखा रहे हैं। जहां उनका मुकाबला पूर्व विधायक स्वर्गीय दीपक कुमार की पत्नी मनीषा दीपक से होगा। बहुजन समाज पार्टी ने पंकज त्रिपाठी को टिकट दिया है। मोदी की लहर में पंकज गुप्ता ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी की मनीषा दीपक को लगभग 46 हजार के भारी मतों से हराया था। पंकज गुप्ता के लिए फिर से इतिहास दोहराना कठिन होगा। इसके पहले पंकज गुप्ता नगरपालिका सदर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
भगवंत नगर विधानसभा
पूरवा से विधानसभा का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश मुख्य प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित को भगवंत नगर से टिकट दिया गया है। वर्तमान में ये सीट समाजवादी पार्टी के पास है। जिसके विधायक कुलदीप सिंह सेंगर है। हृदय नारायण दीक्षित इससे पहले सपा, बसपा, जनता दल में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। हृदय नारायण दीक्षित को पार्टी का टिकट मिलने के साथ ही भगवंत नगर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के अंदर दावेदारों ने इसका विरोध किया है। पूर्व विधायक कृपाशंकर सिंह ने तो सीधे केंद्रीय गृह मंत्री पर आरोप लगाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरने का निर्णय किया है। वहीं, टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक कृष्ण दत्त त्रिपाठी ने भी निर्दलीय के रूप में पर्चा भरने का फैसला किया। जबकि बसपा ने पूर्व एमएलसी स्वर्गीय अजीत सिंह के बेटे शशांक शेखर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद इस सीट से कांग्रेस ने अंकित सिंह परिहार को टिकट दिया है।
पुरवा विधानसभा
समाजवादी पार्टी के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाने वाली पुरवा विधानसभा से उदय राज यादव 1996 से लगातार विधायक है। जो पांचवी बार विधायक बनने की लाइन में खड़े हैं। जबकि भाजपा ने पुरवा से उत्तम चंद्र लोधी को अपना प्रत्याशी बनाया है। पेशे से वकील उत्तम चंद्र और उदय राज यादव के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी ने अनिल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। जो विगत कई वर्षों से लगातार क्षेत्र में समाज सेवा करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। ये भी पढ़ें: यूपी विधानसभा चुनाव 2017: अखिलेश की नई लिस्ट में चार विधायकों का कटा टिकट