यहां की तहजीब देखिये जनाब...रामायण गाते हैं दो मुसलमान भाई
ये कहानी है उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले कंधई इलाके की। जहां एक छोटा सा गांव बसीरपुर है और यहीं की मुस्लिम बस्ती से निकले हैं दो ऐसे सगे भाई जो हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बने हुए हैं।
इलाहाबाद। इन्हें नमाज से जितनी मोहब्बत है उतनी ही मंदिर की आरती से। ये खुदा की हर रोज इबादत करते हैं तो भगवान पर आस्था से सिर भी झुकाते हैं। हिंदुस्तान की मिट्टी में गंगा-यमुनी तहजीब की मिशाल पेश करते दो सगे भाईयों की पहचान भले ही मुसलमान की हो, लेकिन हिंदुओ के धार्मिक ग्रंथ रामायण पाठ के दौरान यह विद्वान रामायणीय को नतमस्तक करते नजर आते हैं।
हिंदू-मुस्लिम एकता की बने मिसाल
ये कहानी है उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले कंधई इलाके की। जहां एक छोटा सा गांव बसीरपुर है और यहीं की मुस्लिम बस्ती से निकले हैं दो ऐसे सगे भाई जो हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बने हुए हैं। इलाके में कहीं भी रामायण का पाठ हो तो इन दोनों भाइयों को आमंत्रित किया जाता है। हरमोनियम पर मचलती उंगलियां और कंठ से गूंजते मंत्र मुग्ध करते स्वर चंद सेकेंड में ही ऐसा समा बांध देते हैं कि हर कोई झूम उठता है।
बचपन में ही लग गया रामायण से दिल
बसीरपुर की मुस्लिम बस्ती में शमीउल्ला और निशा के ये बेटे कासिम और हासिम बचपन से ही रामायण से दिल लगा बैठे थे। स्कूल में इनके हिन्दू दोस्त जब कभी रामायण पाठ आयोजन में जाते थे तो यह दोनों भी उनके साथ हो जाते। इन दोनों को रामायण का पाठ करना बहुत पसंद आने लगा और दोस्तों के साथ इलाके के हर कार्यक्रम में शिरकत करने लगे।
बहुत मुश्किल थी शुरुआत
कासिम और हासिम के लिये रामायण का पाठ करना आसान नहीं था। हिंदू इन्हें मुसलमान समझ कर धर्म को नुकसान पहुंचाने का डर जताते तो घरवाले और मुस्लिम बिरादरी के लोगों इसे इस्लाम के खिलाफ मानते। इनके दादा को इस बात की भनक लगी तो इन पर प्रतिबंध लग गया । लेकिन इन दोनों की जिद की आगे सब झुक गये। इन दोनों की लगन ऐसी थी की दोनों धर्म के लोगों को न सिर्फ झुकना पड़ा। बल्कि पाठ करने की इजाजत भी देनी पड़ी।2010 से शुरू किया पाठ सबकी बातें अनसुनी कर दोनों भाई बर्ष 2010 से गांव गांव रामायण गाने लगे। रामायण को चौपाईयां को यह आत्मसात करते और कहते चौप्ईयां घर, परिवार, समाज में जीने की सच्ची राह दिखाती हैं। अब तो हिंदू परिवारों में इनका बड़ा नाम और मान सम्मान है। वहीं पर हमें हिन्दू भाइयों से बहुत बड़ा सम्मान भी मिल रहा है। अखंड रामायण पाठ के आयोजन में संगीतमय धुन से समां बांधने वाले ये दोनों भाई अब प्रतापगढ़ जिले में मिसाल बन रहे हैं।
दहेरा में दी प्रस्तुति
कासिम-हासिम की जोड़ी ने रानीगंज दहेर कला गांव में ठाकुर अनिरुद्ध सिंह की ओर से आयोजित रामायण पाठ में प्रस्तुति दी तो हजारों लोग कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। एक ओर सूबे में चुनावी माहौल के दौरान सभी धर्म और वर्ग के लोग अपने निजी फायदे के लिए हिन्दू-मुसलमान के बीच दीवार खड़ी कर रहे हैं तो वहीं राजनेताओं और समाज के लिये ये भाई बड़ी मिसाल हैं।
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