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रांची जेल में बंद दो माफिया डॉन हुए दोस्त, पूर्वांचल में मची खलबली

रांची जेल में बाहुबली संजीव सिंह और विनीत सिंह के करीब आने की खबर से पूर्वांचल में खलबली मच गयी है। इन दोनों की लंबे वक्त से माफिया डॉन बृजेश सिंह से दुश्मनी चल रही है।

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मिर्जापुर। दुश्मन का दुश्मन दोस्त बन जाता है। यही संयोग है कि रांची सेन्ट्रल जेल में बंद माफिया डॉन और एमएलसी बृजेश के दो विरोधी एक साथ हो गये हैं। इस नए गठजोड़ की खबर मिलने के बाद पूर्वांचल में खलबली मच गयी है।

कैसे हुई दोस्ती?

कैसे हुई दोस्ती?

दरअसल, झारखंड के झरिया से भाजपा विधायक संजीव सिंह को धनबाद से रांची जेल में शिफ्ट किया गया तो वहां पर उनका स्वागत मिर्जापुर के पूर्व एमएलसी और बाहुबली श्यामनारायण उर्फ विनीत सिंह ने किया। विनीत कई माह से रांची जेल में निरुद्ध हैं जबकि संजीव को सुरक्षा कारणों से यहां शिफ्ट किया गया है। दोनों की बृजेश से दुश्मनी चल रही है। संजीव सिंह के बड़े भाई राजीव रंजन की हत्या के लिए उनका परिवार बृजेश सिंह को जिम्मेदार ठहराता है जबकि विनीत सिंह ने सैयदराजा विधानसभा सीट से बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे थे। नये गठजोड़ की खबर मिलने के बाद पूर्वांचल में खलबली मच गयी है। संजीव की धनबाद समेत कोलांचल में खासी पकड़ है जबकि विनीत पूर्वांचल में पैठ रखते हैं। आने वाले समय में नया गठजोड़ कोल व्यवसाय पर निश्चित ही असर डालेगा।

संजीव सिंह पर है पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या का आरोप

संजीव सिंह पर है पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या का आरोप

धनवाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेसी नेता नीरज समेत चार लोगों की हत्या में घरवालों ने चचेरे भाई संजीव सिंह को नामजद किया था। तीन सप्ताह बाद कोर्ट से वारंट निकलने के बाद संजीव ने थाने में समर्पण कर दिया था। संजीव को धनबाद जेल में रखा गया लेकिन सुरक्षा कारणों से वह किसी से मिलते-जुलते नहीं थे। बाद में उन्हें रांची शिफ्ट कर दिया गया जहां पहले से निरुद्ध विनीत ने उनका स्वागत किया। कोलाांचल का पहला परिवार कहे जाने वाले स्व. सूरजदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह जेल आने के बाद से विनीत के साथ ही देखे जा रहे हैं। बड़े भाई राजीव रंजन के 2003 में संदिग्ध हालात में लापता होने और उनकी मौत की चर्चा के बाद संजीव ने परिवार की कमान संभाली थी लेकिन इससे बृजेश सिंह के संग दुश्मनी बढ़ती गयी। विनीत और संजीव दोनों के राजनैतिक संबध केन्द्रीय नेताओं तक से हैं। कोयले के कारोबार, अंडरवर्ल्ड के समीकरण से लेकर दूसरे स्थान पर यह नया गठजोड़ निश्चित ही असर डालेगा।

विधानसभा चुनाव को लेकर विनीत से थी खटपट

विधानसभा चुनाव को लेकर विनीत से थी खटपट

मिर्जापुर के पूर्व एमएलसी विनीत सिंह से बृजेश के भतीजे सुशील सिंह का चंदौली के सैयदराजा सीट पर विधानसभा चुनाव में मुकाबला हुआ था लेकिन दोनों के संबंधों में काफी पहले से खटास आ चुकी थी। विनीत समर्थकों का आरोप है कि सुशील की शह पर विनीत सिंह पर रंगदारी का मुकदमा लिखवाया गया था। पिछले एमएलसी चुनाव में विनीत के बड़े भाई त्रिभुवन सिंह के खिलाफ बाहुबली विधायक विजय मिश्र की पत्नी रामलली लडी थी। पहले रामलली और बाद में सुशील की जीत से समर्थकों का मनोबल कम हुआ है, पर झारखंड के रांची जेल में गये गठजोड़ से फिर से जरायम की दुनिया में सरगर्मी बढ़ गयी है। ये भी पढ़ें- धनबाद: कांग्रेस नेता समेत चार को भरे बाजार में गोलियों से भून दिया

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English summary
Two mafia don vineet singh and sanjeev singh become freinds in ranchi central jail
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