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सहारनपुर हिंसा से निपटने के लिए BJP-RSS ने शुरू किया महाअभियान

सहारनपुर में आरएसएस और भाजपा ने शांतिपूर्ण माहौल को बनाने के लिए झोंकी ताकत, तीन दिन में आयोजित की दर्जनों बैठक,

By Ankur
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सहारनपुर। पिछले कई दिनों से यूपी का सहारनपुर जातीय हिंसा की आग में धधक रहा है, इस हिंसा में अभी तक कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि काफी लोग घायल हुए, तमाम प्रयासों के बाद भी प्रदेश का प्रशासन इस हिंसा को रोकने में पूरी तरह से विफल रहा है, जिसके बाद यहां के हालात पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली गई है। लेकिन अब भाजपा और आरएसएस यहां की हिंसा को रोकने के लिए दलित और ठाकुर समाज के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं ताकि यहां फैली हिंसा को खत्म किया जा सके और एक बार फिर से यहां शांतिपूर्ण माहौल को बरकरार किया जा सके।

योगी सरकार के सामने बड़ी चुनौती

योगी सरकार के सामने बड़ी चुनौती

सूत्रों की मानें तो जिस तरह से सहारनपुर में हिंसा ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया है उसे देखते हुए पार्टी दोनों ही समुदायों के साथ मुलाकात करके इसे खत्म करने की पूरी कोशिश कर रही है। सहारनपुर में हिंसा के चलते योगी सरकार के लिए प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इससे बसपा सुप्रीमो मायावती ने सहारनपुर के शब्बीरपुर का दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा यहां का माहौल खराब कर रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को यहां जाने से प्रशासन ने रोक दिया था।

3 दिन में 30 से अधिक बैठक

3 दिन में 30 से अधिक बैठक

जानकारी के अनुसार पिछले तीन दिनों में सहारनपुर के बेहट, नाकूर, सहारनपुर नगर, सहारनपुर देहात, देवबंद, गंगोह और रामपुर मनीहरन में 30 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। शब्बीरपुर गाव देवबंद विधानसभा के अंतर्गत आता है, ऐसे में देवबंद ने इस इलाके में किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि की इजाजत देने से इनकार कर दिया है, उसका कहना है कि यहां किसी भी तरह की पीस मीटिंग नहीं हो सकती है।

बैठक के पीछे राजनीतिक एजेंडा नहीं

बैठक के पीछे राजनीतिक एजेंडा नहीं

सहारनपुर से भाजपा विधायक कुंवर ब्रजेश सिंह का कहना है कि इन बैठकों के पीछे किसी भी तरह का राजनीतिक एजेंडा नहीं है, आरएसएस सहित सभी लोग यहां शांति चाहते हैं, ठाकुर और दलितों ने मुझे वोट किया है, यह यहां वोटबैंक की राजनीति नहीं कर रहे है। वहीं भाजपा के एक अन्य नेता का कहना है कि इन बैठकों में आरएसएस के स्थानीय वाहक मौजूद रहते हैं। इनकी मौजूदगी बताती है कि यह बैठकें राजनीतिक एजेंडे के लिए नहीं हो रही हैं, क्योंकि इन लोगों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

आस-पास के गांवों में हो रही है बैठक

आस-पास के गांवों में हो रही है बैठक

सूत्रों की मानें तो आरएसएस के प्रांत प्रचारक कर्मवीर सिंह और विभाग प्रचारक प्रीतम सिंह कई बैठकों में मौजूद थे। भाजपा के नेता का कहना है कि शब्बीरपुर में बैठकों की अनुमति नहीं मिलने की वजह से हम इसे पास के गांवों में आयोजित करा रहे हैं। आपको बता दें कि शब्बीरपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने दलितों को अपनी ओर करने की कोशिश की थी और उन्होंने कहा था कि भाजपा को यहां की स्थिति को सही करना चाहिए।

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English summary
To spread peace in Saharanpur BJP and RSS leader holds number of meeting. In last few days Caste violence has emerged the violence in the area.
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