सपा सरकार के टेंडर होंगे रद्द, लटकेंगे काम शुरू न करने वाले: केशव मौर्य
लोक निर्माण विभाग से जारी हुए वो तमाम ठेके अब अधर में लटकेंगे जिनका काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। हालांकि जिन ठेकेदारों ने काम शुरू कर दिया था उन्हें कुछ रियायत दी जा सकती है।
इलाहाबाद। सपा कार्यकाल के अंतिम चरण में हुए टेंडर अब रद्द किए जाएंगे। इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पर मंथन भी शुरू हो गया है। इसके संकेत देते हुए यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश सरकार के अंतिम समय में सपा नेताओं के दबाव में करोड़ों रुपए के धुआंधार टेंडर बेतरतीब ढंग से हुए। नियमों को ताक पर रखकर चापलूसों को फायदा पहुंचाया गया। अब ऐसे ठेकों को निरस्त करने पर विचार हो रहा है।
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गौरतलब है कि इलाहाबाद में लोक निर्माण विभाग को लेकर केशव पहले दिन से ही सख्त रहे हैं और उन्होंने धांधली करने वालों को झटका देने का संकेत भी दे दिया था। इस बावत ठेकेदारों तक भी भनक लग चुकी है और अब वो विकल्प तलाशने के लिए भाजपाईयों के शरणागत हो रहे हैं।
जिनका काम नहीं शुरू हुआ वो लटकेंगे
लोक निर्माण विभाग से जारी हुए वो तमाम ठेके अब अधर में लटकेंगे जिनका काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है। हालांकि जिन ठेकेदारों ने काम शुरू कर दिया था उन्हें कुछ रियायत दी जा सकती है। ऐसे में ठेकेदार अब अपना काम अचानक से शुरू कर खुद को बचाने का प्रयास भी करेंगे। लेकिन डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद मौजूदा समय में ऐसे शुरू होने वाले कामों पर निगरानी रखी जाएगी और ऐसे ठेकेदारों को सीधे संदिग्ध श्रेणी में डाल दिया जाएगा। विभाग से जारी कुछ बड़े ठेकों के मामले में जांच भी होनी तय है। ऐसे में जांच के दायरे में आने पर भी कई ठेके हाथ से फिसलेंगे।
एक्शन की मजबूरी
गौरतलब है कि इलाहाबाद में लोक निर्माण विभाग के साथ पहली बैठक के दौरान ही शिकायतें आई थी कि सपा नेताओं की हनक में अफसरों ने दबाव में ये ठेके पूल करवाए हैं। इन ठेकों में बड़े पैमाने पर कमीशनबाजी भी हुई है, इसलिए ठेके के काम गुणवत्तापूर्ण नहीं हो पाएंगे। जिससे भाजपा सरकार की छवि खराब होगी। इसी के चलते ये ठेके निरस्त कराकर नए सिरे से टेंडर करवाने की मजबूरी भी सामने है।
ताबड़तोड़ हुए थे ठेके
मालूम हो कि सूबे में चुनाव के संकेत मिलते ही ताबड़तोड़ ठेकों का दौर शुरू हो गया था। दनादन टेंडर निकले और सिर्फ चहेतों तक ही वो सिमट गए। अधिकारियों से नजदीकी में टेंडर पास होते रहे और अधिकांश ऐसे भी ठेके दिए गए जिनपर आज तक काम भी नहीं शुरू हो पाया है।
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