सोनिया के गढ़ में फिर अटका सपा-कांग्रेस गठबंधन का पेंच
कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में गठबंधन होने के बावजूद दोनों दलों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। साथ ही दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर जमकर आरोप भी लगा रहे हैं।
रायबरेली। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी व कांग्रेस ने गठबंधन किया जिसके तहत जहां सपा के प्रत्याशी मैदान में उतारे गए वहां कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में नहीं है और जहां कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं वहा सपा प्रत्याशी मैदान में नही है। इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में गठबंधन पर रार देखने को मिल रही है।
जहां सरेनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक सिंह ने अपना नामांकन कराया वहीं सपा से देवेन्द्र सिंह ने भी अपना नामांकन कर ताल ठोकी है। ऊंचाहार विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय पाल सिंह द्वारा नामांकन करने पर गठबंधन पर रार दिखाई दी क्योकि दो दिन पूर्व ही वहां से भी सपा से कैबिनेट मंत्री व विधायक मनोज पाण्डेय ने भी नामांकन करवाया है। कांग्रेस के सिम्बल से अजयपाल सिंह ने अपना नामांकन कर गठबंधन पर संशय पैदा कर दिया और मीडिया से बात करते हुए वर्तमान में सपा विधायक मनोज कुमार पाण्डेय पर जम कर हमला बोला ।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या यह गठबंधन कांग्रेस अध्यक्षा व रायबरेली सांसद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में गठबंधन कोई मायने नहीं रखता। क्या दोनो पार्टियो के आपसी समझौते पर रायबरेली में रार देखने को मिलेगी। यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा अगर समय रहते इस प्रकरण पर शीर्ष नेतृत्व की निगाहे नहीं जाती तो यह दोनो पार्टियों के लिए नुकसान भरा कदम साबित हो सकता है।
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