11 मार्च के नतीजे के बाद बनाएंगे पार्टी, मेहरबानी जो टिकट दिया- शिवपाल
शिवपाल यादव ने कहा कि 11 मार्च को चुनाव के नतीजे आने के बाद बनाएंगे पार्टी, अखिलेश पर कसा तंज, बोले मेहरबानी जो हमें टिकट दिया।
इटावा। समाजवादी पार्टी के भीतर अखिलेश यादव से दो-दो हाथ करने के बाद जिस तरह से शिवपाल यादव को दरकिनार किया गया उसके बाद भी शिवपाल यादव हार मानने को तैयार नहीं है। इटावा में रैली को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि हम 11 मार्च को चुनाव के नतीजे आने के बाद नई पार्टी का गठन करेंगे। अपने इस बयान से शिवपाल यादव ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह हार मानने वाले नहीं हैं और पार्टी के भीतर अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है।
जो भी हूं नेताजी की वजह से हूं
सपा की ओर से शिवपाल यादव को जसवंत नगर से टिकट दिया गया है। शिवपाल यादव ने कहा कि मैंने पर्चा भर दिया है, अटकलें लगाई जा रही थी कि मैं पर्चा भरूंगा या नहीं, लेकिन मैंने पर्चा भर दिया है और सपा की ओर से साइकिल चुनाव चिन्ह के साथ ही पर्चा भरा है। इस मौके पर शिवपाल यादव ने कहा कि आज हम जो भी हैं नेताजी की वजह से हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों ने यह कहा कि वह जो कुछ भी हैं वह नेताजी की वजह से हैं लेकिन इन्ही लोगों ने नेताजी को अपमानित करने का काम किया है।
नेताजी
का
अपमान
बर्दाश्त
नहीं
करेंगे
सपा
सरकार
के
दौरान
अपने
कामों
की
तारीफ
करते
हुए
शिवपाल
यादव
ने
कहा
कि
अभी
जो
पांच
साल
की
सरकार
चली
थी
उसमें
हमारे
विभाग
क्या
किसी
से
कम
अच्छे
चले
हैं।
हम
जानते
हैं
कि
समाजवादी
पार्टी
के
भीतर
भी
गलत
काम
करने
वाले
लोग
हैं,
उनसे
सावधान
रहने
की
जरूरत
है।
हम
केवल
गलत
काम
रोक
रहे
हैं,
गलत
काम
का
विरोध
कर
रहे
थे
तब
नेताजी
ने
हमारा
निष्कासन
कर
दिया।
शिवपाल
ने
कहा
कि
जो
चाहो
मुझसे
ले
लो
लेकिन
नेताजी
का
अपमान
बर्दाश्त
नहीं
कर
सकते।
मरते
दम
तक
नेताजी
के
साथ
रहेंगे,
उनका
आदेश
मानेंगे।
कांग्रेस
के
साथ
गठबंधन
करके
हमारा
नुकसान
अखिलेश
यादव
पर
तंज
कसते
हुए
शिवपाल
ने
कहा
कि
मेहरबानी
हो
गई
टिकट
दे
दिया,
फॉर्म
ए
व
बी
भी
दे
दिया
वर्ना
निर्दलीय
ही
चुनाव
लड़ना
पड़ता।
उन्होंने
कहा
कि
हमलोग
ज्यादातर
विपक्ष
में
रहे
हैं
और
भाजपा,
बसपा
व
कांग्रेस
को
उस
वक्त
चुनाव
हराया
है
जब
हमारे
पास
कोई
संसाधन
नहीं
था।
लेकिन
कांग्रेस
के
साथ
गठबंधन
करके
कांग्रेस
को
ही
फायदा
दिया
गया
है,
छह
महीने
पहले
कांग्रेस
को
चार
सीट
भी
नहीं
मिल
रही
थी,
लेकिन
गठबंधन
करके
अपने
लोगों
का
टिकट
काटा,
इससे
किसका
फायदा
होगा।