मिर्जापुर: शिक्षामित्रों का विरोध जारी, अनुप्रिया पटेल के दफ्तर का घेराव
जिले के प्राथमिक विद्यालयों की सहायक अध्यापकी जाने के बाद उबले शिक्षामित्रों ने रविवार को पांचवे दिन केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के कार्यालय का घेराव किया।
मिर्जापुर। जिले के प्राथमिक विद्यालयों की सहायक अध्यापकी जाने के बाद उबले शिक्षामित्रों ने रविवार को पांचवे दिन केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के कार्यालय का घेराव किया। इसके बाद सड़क पर आसान जमाकर अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। यहीं पर शिक्षामित्रों ने सभा भी किया और कहाकि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो सरकार उनको फांसी दे दे। विरोध प्रदर्शन करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक रही। बाद में मंत्री के आश्वासन पर शिक्षामित्र माने और वापस हुए।
बाइक
जुलूस
निकालकर
कर
पहुंचे
मंत्री
के
कार्यालय
रविवार
को
कलक्ट्रेट
में
धरना
प्रदर्शन
करने
के
बाद
शिक्षमित्र
जुलूस
की
शुक्ल
में
प्रदेश
और
केन्द्र
सरकार
से
अपनी
मांगों
को
मानने
संबंधी
नारा
लगाते
हुए
केंद्रीय
स्वास्थ्य
एवं
परिवार
कल्याण
राज्य
मंत्री/सांसद
अनुप्रिया
पटेल
के
भरूहना
स्थित
कैंप
कार्यालय
पर
पहुंचकर
धरना
पर
बैठ
गए।
शिक्षामित्रों
के
आने
की
सूचना
पर
मंत्री
भी
बाहर
आ
गयीं।
शिक्षामित्रों
ने
राज्यमंत्री
को
अपनी
पीड़ा
सुनाते
हुए
सीएम
आदित्यनाथ
योगी
और
पीएम
नरेंद्र
मोदी
से
संसद
में
कानून
पारित
करवा
सहायक
अध्यापक
पद
की
नौकरी
बरकरार
रखने
की
अपील
किए।
शिक्षामित्रों
की
व्यथा
सुनकर
राज्यमंत्री
ने
हर
संभव
मदद
करने
का
आश्वासन
दिया।
इसके
बाद
शिक्षामित्र
वहां
से
वापस
हुए
और
अगले
दिन
के
आंदोलन
की
योजना
बनाने
में
जुट
गए।
जब
शिक्षामित्र
हुई
बेहोश
राज्यमंत्री
के
कैंप
कार्यालय
के
सामने
धरने
पर
बैठी
नारेबाजी
कर
रही
शिक्षामित्र
माला
सिंह
उमस
और
गर्मी
की
वजह
से
अचानक
बेहोश
हो
गईं।
साथ
ही
शिक्षामित्र
उठाकर
राज्यमंत्री
कार्यालय
के
बरामदे
में
ले
गए।
पानी
का
छींटा
मारने
के
बाद
स्थिति
सामान्य
हुई
तब
वह
फिर
से
धरना
स्थल
पर
पहुंच
गयीं।
बेटी
शादी
करने
लायक
हो
गई
मैडम...
भरूहना
स्थित
मंत्री
के
कैंप
कार्यालय
पर
धरना
दे
रही
समायोजित
शिक्षामित्र
से
केंद्रीय
मंत्री
अनुप्रिया
पटेल
जैसे
ही
वर्ता
करने
के
लिए
पहुंची।
एक
महिला
शिक्षामित्र
फफक
कर
रो
पड़ी।
शिक्षामित्र
का
कहना
था
कि
वह
लगभग
20
साल
से
काम
रही
हैं।
यूपी
की
पूर्व
सरकार
ने
उनको
सहायक
अध्यापक
पद
पर
समायोजित
किया।
लेकिन
अब
नौकरी
ही
चली
गयी।
दो
बेटियां
शादी
करने
योग्य
हो
गई
हैं।
इतना
कहते
ही
फफक
कर
रो
पड़ीं।
महिला
शिक्षामित्र
को
बिलखता
देख
एक
बारगी
राज्यमंत्री
भी
निरुत्तर
हो
गईं
और
उनकी
आखें
भी
ढबढबा
गईं।
उन्होंने
संभलते
हुए
महिला
को
कहा
कि
कोई
न
कोई
विकल्प
निकाला
जाएगा।
पुलिस
शिक्षामित्रों
को
कदापि
प्रताड़ित
न
करे
केन्द्रीय
स्वास्थ्य
एवं
परिवार
कल्याण
राज्य
मंत्री/जिले
की
सांसद
अनुप्रिया
पटेल
ने
कहाकि
पुलिस
ने
पांच
सौ
अज्ञात
व
22
नामजदशिक्षामित्रों
पर
मामला
दर्ज
किया
है।
यह
सरासर
गलत
है।
पुलिस
शिक्षामित्रों
का
उत्पीड़न
कदापि
न
करे।
इसके
लिए
एसपी
से
वार्ता
हुई
है।
वह
अभी
छुट्टी
पर
हैं
आने
के
बाद
इस
समस्या
का
भी
हल
निकालेंगे।उन्होंने
कहाकि
लोकतंत्र
में
अपने
अधिकार
की
बात
करने
की
हर
किसी
को
स्वतंत्रता
है।
ऐसे
में
केस
दर्ज
किया
जाना
गलत
है।