मिसाल: गांव जाकर अनपढ़ों को शिक्षा देने में लगा है शाहे आलम
शाहे आलम रोज शाम को एक घण्टे की क्लास लेकर अनपढ़ लोगों को निरक्षर से साक्षर बना रहे हैं। वो अब तक गांव के लगभग 32 प्रतिशत लोगों को पढ़ना-लिखना सिखा चुके हैं।
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में अनपढ़ लोगों को मुफ्त शिक्षा देकर एक मुस्लिम युवक ने मिसाल पेश की है। इसका नाम शाहे आलम है। ये युवक गांव-गांव जाकर अनपढ़ बच्चों को पढ़ाता है और उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित करता है। जिससे लोग शिक्षित होकर जीवन में आगे बढ़ सकें।
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संभल जिले के मोहिउद्दीन पुर गांव में ज्यादातर लोग अनपढ़ हैं। कोई भी गांव में नौकरी पेशा नहीं है। गांव के ही रहने वाले बीकॉम के छात्र शाहे आलम पुत्र मुशाहिद हुसैन गांव में अनपढ़ लोगों को पढ़ा रहा है और उन्हें अंधकार से बचा रहे है।
वो रोजाना शाम को एक घण्टे की क्लास लेकर अनपढ़ लोगो को निरक्षर से साक्षर कर रहे है। वे अब तक अपने ट्यूशन के जरिये गांव के लगभग 32 प्रतिशत लोगों को साक्षर बना चुके है। गांव के लगभग आधे से ज्यादा बच्चों को फ्री ट्यूशन दे रहे है। शाहे आलम एनसीसी का छात्र भी है। समाज से जुड़े कार्य करने के लिए उन्हें तीन मेडल भी मिल चुके है।
अनपढ़ लोगो को शिक्षा देने के लिए उनके साथी एनसीसी कैडेट विकास, मोनू, फ़िरोज,मदद करते हैं। उनकी टीम समाज सेवा से जुड़े हर कार्य में सहयोग करती है। शाहे आलम छात्र छात्राओं को प्रधानमंत्री के स्वछता अभियान कें लिये भी जागरूक कर रहे है।
शाहे आलम रोज अपने पैसों से अखबार खरीदते हैं और बच्चों को अखबार पढ़ना सिखाते हैं। ताकि बच्चे देश दुनिया में घटित होने वाली समसामयिक जानकारी से अवगत हो सकें।
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