बहन जी चुप हो जाओ, वरना आपकी भी फाइल खुल जाएगी
बहन जी, दीदी को देखो, सब बंद कर दिए हैं, दीदी भी नोटबंदी को गलत बोली थीं. पूरी पार्टी को बंदी बना दिया। सुने हैं कि सेना भी भेज दिए थे. ऐसे में केंद्र से पंगा ठीक नहीं।
नई दिल्ली। जिस दिन से उत्तर प्रदेश में इलेक्शन का ऐलान हुआ है। नेताओं को नींद उड़ी हुई है। जैसे तेज सर्दी में कंबल के अंदर गर्माहट नहीं होती और पैर ठंडे बने रहते हैं, वैसे ही चुनाव के बाद नेताओं के भी पैर गर्म नहीं हो पा रहे हैं और वो रात-रात भर जाग रहे हैं। मुलायम परिवार में खींचतान और पीएम मोदी के वादों-इरादों के बीच बसपा भी तेजी से चुनाव की तैयारी कर रही है। हम पिछले कुछ समय से लगातार कान लगाकर नेताओं की बातें सुनने की कोशिश कर रहे हैं। मुलायम परिवार और मोदी के बाद आज हमने मायावती की बातें सुनने की कोशिश की है।
मायावती ने लोकसभा में करारी हार के बाद थोड़ा खामोशी अख्तियार कर ली थी लेकिन नोटबंदी के बाद वो लगातार मुखर हैं। अब बहन जी रोजाना सुबह-शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। आज उन्होंने फिर से कॉन्फ्रेंस बुलाई। साथ में सतीश मिश्रा भी थे। तो कॉन्फ्रेंस के लिए आते हुए दोनों में बातचीत शुरू हो गई।
बहन
जी-
मिश्रा
जी,
पत्रकार
आ
गए
हैं,
मेरा
पर्चा
कहां
है?
सतीश
मिश्रा-
जी,
पर्चा?
बहन
जी-
अरे
वो
जिससे
देखकर
पढ़ना
है,
वो
लाओ।
मिश्रा
जी-
आप
तब
तक
शुरू
करिए,
पर्चा
आ
रहा
है.
और
जरा
संभलकर।
बहन
जी-
अरे
बिना
पर्चे
के
मैं
बहुत
कम
बोल
पाती
हूं,
दरअसल
मुझे
बस
'पत्रकार
बंधुओं'
ही
कहना
आता
है।
तो
बिना
पर्चे
के
क्या
हो
पाएगा
और
इसमें
संभलने
की
क्या
बता
है
मिश्रा
जी,
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
कोई
मुश्किल
काम
थोड़े
है।
मुझे
ये
बिल्कुल
ईमला
बोलने
जैसे
लगता
है।
टीचर
बोले
और
छात्र
नोट
करें।
मिश्रा
जी-
मैडम,
ये
आपका
पर्चा।
बहनजी-
हूं,
अरे
कहां
है
ये
लिखने
वाला।
इसने
इसमें
इस
बात
को
तो
जिक्र
किया
ही
नहीं
कि
हाल
में
मोदी
की
रैली
में
लोग
भाड़े
पर
बुलाए
गए
थे।
ना
ही
मोदी
की
रैली
को
बुरी
तरह
से
फ्लॉप
लिखा
गया
है।
मिश्रा
जी-
बहन
जी,
दरअसल
वो
रायटर
कह
रहा
था
कि
ये
बात
तो
आप
खुद
ही
बोल
देंगी
क्योंकि
ये
तो
आपको
हर
बार
बोलते
हुए
याद
हो
गया
होगा।
बहन
जी-
हां,
ठीक
है।
वो
मैं
देख
लूंगी।
ये
बताओ,
बबुआ
माना
क्या
अपने
पिता
की
बात?
कुछ
पता
चला
कि
आखिर
बबुआ
के
इस
पूरे
मामले
का
सच
क्या
है?
मिश्रा
जी
छोड़ो
ना
आप
भी
अपना
कोई
जासूस
सैफई
में.
ये
अमर
जी
से
कुछ
जानकारी
नहीं
मिल
पाएगी
क्या?
मिश्रा
जी-
अरे
बहन
जी,
अमर
सिंह
तो
सुने
खहर
कहीं
ओर
दे
रहे
हैं.
खैर,
आप
फिक्र
ना
करें.
हमारी
तैयारी
बढ़िया
है
और
हम
उत्तर
प्रदेश
में
बहुमत
की
सरकार
बनाएंगे।
आप
प्रेस
कॉन्फ्रेस
करें।
बहन
जी
ने
प्रेस
कॉन्फ्रेस
शुरू
किया।
'पत्रकार
बंधुओं,
जैसा
कि
आपको
पता
है
कि
बबुआ
को
घर
के
लोग
ही
सुधरने
को
कह
रहे
हैं,
तो
वो
प्रदेश
को
क्या
संभालेगा
और
अब
बची
भाजपा
तो
उसने
तो
वैसे
ही
गरीब
की
कमर
तोड़
दी
है.
कुछ
धन्नासेठों
को
फायदा
पहुंचने
के
लिए
नोटबंदी
कर
दी
है।''
अब
जैसे
ही
मायावती
भाजपा
पर
जैसे
ही
हमलावर
हुईं
सतीश
मिश्रा
परेशान
होने
लगे।
लगातार
कुछ
इशारा
करते
रहे
तो
आखिर
बहन
जी
ने
पास
जाकर
पूछा
कि
क्या
परेशानी
है।
मिश्रा
जी-
बहन
जी,
मोदी
को
मत
कुछ
कहिए.
समझिए
मेरी
बात।
बहन
जी-
अरे
इलेक्शन
है.
तो
क्या
तारीफ
करूं?
मिश्रा
जी-
बहन
जी,
आनंद
भाई
साहब
की
फाइल
खुल
गई
है
और
हम
भी
बहुत
दूर
नहीं
हैं।
बहन
जी-
अरे
ऐसे
कैसे,
फाइल
खोल
सकती
है
केंद्र
सरकार।
मिश्रा
जी-
बहन
जी,
सुनवाई
नहीं
है।
दीदी
को
देखो,
उनके
सारे
लठैत
बंद
कर
दिए
हैं,
दीदी
भी
नोटबंदी
को
गलत
बोली
थीं.
पूरी
पार्टी
की
बंदी
कर
दी।
सुने
हैं
कि
सेना
भी
भेज
दिए
थे.
ऐसे
में
केंद्र
से
पंगा
ठीक
नहीं।
मायावती
प्रेस
कॉन्फ्रेस
में
भाजपा
पर
हमला
करते
हुए
अचानक
ट्रैक
बदल
गईं।
बोलीं-
हमारा
मुकाबला
उत्तर
प्रदेश
में
बबुआ
से
है,
भाजपा
जब
मुकाबले
में
ही
नहीं
तो
उनके
बारे
में
कोई
बात
नहीं
धन्यवाद
(यह
एक
व्यंग्य
लेख
है)
पढ़ें- अमित भाई शाह जी, कुछ पता चला उत्तर प्रदेश की जनता का क्या मूड हैए?