डिप्टी सीएम केशव के घर कौशांबी में भाजपा की बड़ी हार, सपा ने मारी बाजी
इलाहाबाद। यूपी विधानसभा चुनाव में कौशांबी की तीनों विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराने वाली और विरोधी दलों का सूपड़ा साफ करने वाली भाजपा कौशांबी में ही औंधे मुंह गिर पड़ी है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुये उप चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी मधुपति की बुरी तरह हार हुई है। यहां सपा समर्थित प्रत्याशी अनामिका सिंह ने बाजी मारते हुये डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गढ़ में भूचाल ला दिया है। अनामिका ने एक तरह से यह मुकाबला एकतरफा ही लड़ा। क्योकि अनामिका सिंह को जहां 20 मत मिले।
मठाधीशों ने पूरी बाजी ही पलट दी
वहीं मधुपति को 8 मतों से संतोष करना पड़ा। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में बीजेपी के बागी नेताओ ने घर का भेदी की भूमिका बखूबी निभाई । खास कर केशव विरोधी नेता पूरी तरह से बसपा, सपा व कांग्रेस के साथ कदम से कदम मिलाकर बढते रहे। इस चुनाव में सपा व कांग्रेस ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। इनके लिये खोने को कुछ नहीं था। लेकिन पाने के लिये वह सब था। जो भाजपा के लिये किसी सदमे जैसा झटका हो। क्योंकि सत्ता पक्ष ऐसे चुनाव में हमेशा भारी पड़ता है। लेकिन यहां मठाधीशों ने पूरी बाजी ही पलट दी।
पूरी बात
इस चुनाव से पहले कौशाम्बी के जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा की मधुपति वाचस्पति का कब्जा था। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद केशव मौर्य के बेहद करीबी वाचस्पति परिवार ने भाजपा का दामन थाम लिया था। लेकिन जब भाजपा की ही जिला पंचायत सदस्य अनामिका सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया तो मधुपति ने इस्तीफा दे दिया। इधर अनामिका सिंह पर अनुशासनहीनता पर गाज गिरती। उससे पहले ही अनामिका ने भी पाला बदला और सपा में चली आई। उप चुनाव की तिथि घोषित हुई। तो आज सुबह 11 बजे से कलक्ट्रेट में वोट डाले गए। दोपहर 3 बजे के बाद वोटों की गिनती के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी मनीष वर्मा ने परिणाम की घोषणा की। तो 29 में 20 मत पाकर अनामिका अध्यक्ष बन गई । अनामिका सिंह पूर्व चायल ब्लॉक प्रमुख सोनू पटेल की पत्नी हैं। अनामिका ने अपनी जीत का श्रेय सपा के पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार समेत पार्टी नेताओ को दिया।
खास बात
सूबे के डिप्टी सीएम केशव मौर्य का यहां कौशांबी में पैतृक घर है। पहली बार केशव यहीं से विधायक बने थे। बीते विधानसभा चुनाव में कौशांबी की तीनों सीट पर जीत के बाद यह जिला भाजपा का गढ माना जा रहा था। लेकिन टिकट बंटवारे में बागी हुये भाजपाई और विरोधियों का गठजोड़ अब यहां नया समीकरण बना रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण अब सामने आ गया है।