PICS: कैसे भड़का सहारनपुर का बवाल, आगजनी और तोड़फोड़ पर क्यों आमादा हुए उपद्रवी?
करीब तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक एसएसपी आवास के भीतर और बाहर हंगामा होता रहा। इसी दौरान कुछ युवकों ने देहरादून रोड पर एसएसपी के आवास के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
सहारनपुर। शोभायात्रा न निकाले जाने पर भाजपा समेत उससे जुड़े तमाम संगठनों से जुड़े युवा आग बबूला हो गए। गांव से निकाले जाने के बाद भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा अपने हजारों समर्थकों समेत देहरादून रोड स्थित एसएसपी आवास पर पहुंच गए और धरना देकर बैठ गए। उनकी मांग थी कि गांव में शोभायात्रा निकलनी चाहिए। आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस प्रशासन समुदाय विशेष का सहयोग कर रहा है और गांव में शोभायात्रा नहीं निकलने दी जा रही है।
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करीब तीन बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक एसएसपी आवास के भीतर और बाहर हंगामा होता रहा। इसी दौरान कुछ युवकों ने देहरादून रोड पर एसएसपी के आवास के बाहर खड़ी एक बाइक को आग के हवाले कर दिया। एसएसपी आवास के बाहर हो रहे हंगामे को देखते हुए देहरादून रोड को जनकपुरी चौक से लेकर जेलचुंगी तक पूरी तरह से बंद कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया।
ऐसे बढ़ा था मामला
डॉ. अंबेडकर की भव्य शोभायात्रा निकालने पर एक समुदाय विशेष के लोगों ने शोभायात्रा पर मकान की छतों से पथराव किया, जिसके बाद शोभायात्रा को बीच में ही रोक दिया गया। एक पक्ष शोभायात्रा निकालने की जिद पर अड़ा रहा, लेकिन जिला प्रशासन कोई भी सख्त कदम नहीं उठा सका, जिस कारण सवा दो घंटे बाद एक संप्रदाय की ओर से फिर से पत्थर फेंक दिया गया। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ। उपद्रवियों ने करीब आधा दर्जन दुकानों में तोड़फोड़ करने के साथ ही पंचकूला-देहरादून हाईवे पर आगजनी कर दी। इस विवाद में भाजपा सांसद समेत आधा दर्जन लोग घायल हो गए हैं। गांव में मामला निपटने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसएसपी आवास पर डेरा डाल दिया और धरना देकर बैठ गए।
थाना जनकपुरी क्षेत्र के गांव दूधली काफी समय से संवेदनशील माना जाता है। करीब दस साल पहले भी इस गांव में संत रविदास जयंती पर शोभायात्रा निकालने को लेकर दलित और मुस्लिमों में विवाद हो चुका है। करीब एक सप्ताह पूर्व गांव में डॉ. अंबेडकर जयंती की शोभायात्रा निकालने के लिए एसडीएम सदर के यहां अनुमति के लिए आवेदन किया गया था लेकिन एसडीएम सदर की ओर से शोभायात्रा निकालने की अनुमति प्रदान नहीं की गई थी।
गुरुवार की सुबह करीब दस बजे गांव में शोभायात्रा निकालने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई थी लेकिन पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी भी कीमत पर शोभायात्रा को आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद जानकारी मिलते ही भाजपा सांसद राघव लखन पाल शर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष अमित गगनेजा, पूर्व विधायक राजीव गुंबर समेत सैकड़ों भाजपा नेता पुलिस चौकी ट्रासंपोर्ट नगर पर पहुंच गए। यहां भाजपा नेताओं और पुलिस के बीच नोंकझोंक भी हुई। जिसके बाद आयोजक भाजपा नेताओं के साथ शोभायात्रा को लेकर आगे बढ़ गए। दोपहर करीब बारह बजे शोभायात्रा गांव के मुस्लिम इलाके में पहुंची ही थी कि शोभायात्रा पर एक समुदाय विशेष के लोगों की ओर से पथराव कर दिया गया।
शोभायात्रा पर पथराव किए जाने की जानकारी से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में कमिश्नर एमपी अग्रवाल, डीआईजी जीके शाही, शफकत कमाल, एसएसपी लव कुमार समेत आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शोभायात्रा निकालने वाले आयोजक और शहर से गए विभिन्न संगठनों से जुड़े युवा गांव में शोभायात्रा निकाले जाने की जिद पर अड़े रहे।
दोनों ओर से हंगामा होता रहा, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस हंगामे को रोकने और विवाद को समाप्त करने की जरा भी पहल नहीं की। इसका हश्र ये हुआ कि दोपहर 2.10 बजे जब शोभायात्रा के रथ को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया तो समुदाय विशेष के एक युवक द्वारा शोभायात्रा के रथ को आगे बढ़ा रहे युवकों पर पत्थर फेंक दिया। जिसके बाद दोनों ओर से करीब पंद्रह मिनट तक जबरदस्त पथराव होता रहा। इसके बाद तो उपद्रवियों ने गांव की करीब आधा दर्जन दुकानों में तोड़फोड़ की और गांव के बाद पंचकूला देहरादून हाईवे पर एक दुकान का फर्नीचर तक जला डाला। पुलिस प्रशासन ने बमुश्किल लाठियां फटकार कर उपद्रवियों को खदेड़ा। इस पथराव में भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा समेत करीब आधा दर्जन लोगों को पत्थर लगने से चोट आई है।