बुलंदशहर: रालोद प्रत्याशी ही निकला हत्यारा, जीतने के लिए भाई समेत दो को मरवाया
दोनों को किडनैप करके पास के जंगल में ले जाया गया और मनोज गौतम की लायसेंसी पिस्टल से दोनों को गोली मारकर कत्ल कर दिया गया। मनोज की अति महत्वकांक्षा ने उसे ऐसा करने की खुली छूट दे दी।
बुलंदशहर। राष्ट्रीय लोकदल का प्रत्याशी मनोज गौतम ही अपने भाई और उसके दोस्त का हत्यारा निकला है। रालोद प्रत्याशी मनोज गौतम ने अपने दो गुर्गों और ड्राइवर के साथ मिलकर भाई के अपहरण और हत्या की साजिश रची और फिर उसको अंजाम दे डाला। पुलिस ने मनोज गौतम समेत इस वारदात में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की है। वारदात के पीछे मनोज की विधायक बनने की महत्वाकांक्षा थी। भाई की हत्या के बदले वह जनता से हमदर्दी वोट पाना चाहता था।
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वोट मांगने वाले हाथ सने हैं भाई के खून से
कल तक जो हाथ जनता के सामने वोट मांगने के लिए उठते थे, उनमें आज हथकड़ियां पड़ चुकी है। जो हाथ जनता से मिलकर उनके मुहाफिज बनना चाहते थे, वो अपने ही खून से सने हुए है। ये हाथ है बुलंदशहर की खुर्जा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार मनोज गौतम के। मनोज गौतम पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए एक ऐसी खूनी साजिश रची। मनोज के भाई विनोद और उसके दोस्त सचिन इन दोनों की लाशें 7 फरवरी की सुबह खुर्जा के अगवाल फाटक के पास जंगल में पड़ी मिली थी।
किडनैप कर की भाई और उसके दोस्त की हत्या
विनोद और सचिन 6 फरवरी की शाम को उस वक्त किडनैप हुए जब वह जयंत चौधरी की जनसभा के बाद उन्हें अगवाल फाटक तक सी-ऑफ करने आए थे। विनोद की स्कॉर्पियो गाड़ी में उसका दोस्त सचिन भी मौजूद था। जिसका पता शायद हत्यारों को नहीं था। दोनों को किडनैप करके पास के जंगल में ले जाया गया और मनोज गौतम की लायसेंसी पिस्टल से दोनों को गोली मारकर कत्ल कर दिया गया। मनोज पुलिस की कहानी को झूठा बताते हुए अपने भाई और उसके दोस्त की हत्या के लिए अपने चुनावी दुश्मन और बसपा प्रत्याशी अर्जुन सिंह पर आरोप लगा रहा है।
चुनाव जीतने के लिए बटोरना चाहता था भाई की मौत से हमदर्दी
मनोज की अति महत्वाकांक्षा की वजह बीते कुछ सालों में मनोज का फर्श से अर्श तक जाना है। ककोड़ रोड के एक स्कूल में क्लर्क की नौकरी करने वाला मनोज बसपा की पिछली सरकार में मामूली कार्यकर्ता से इलाके के बसपा नेता बन गया। बसपा ने उसे विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया और उसे इलाके से इलेक्शन लड़ने की जिम्मेदारी दे दी। रातों रात करोड़पति बना मनोज दो से तीन सालों में इलाके का प्रभावशाली नेता बन गया।
लेकिन इस चुनाव से ठीक पहले मायावती ने अपने बेहद करीबी अर्जुन सिंह की खातिर मनोज का टिकट काट दिया। टिकट कट जाने के बाद मनोज चौधरी अजीतसिंह की शरण में पहुंचा और रालोद का प्रत्याशी बन गया। पुलिस ने इस वारदात में इस्तैमाल हुई लायसेंसी पिस्टल बरामद की है और अपराधियों और मनोज के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी जारी कर दिया।
जनता को बेवकूफ बनाकर बनना चाहते थे MLA
नेताजी
शार्टकट
से
जनता
को
बेवकूफ
बनाकर
एमएलए
बनना
चाहते
थे
लेकिन
अपराधी
कितना
भी
शातिर
क्यों
न
हो
सबूत
जरूर
छोड़ता
है।
लाशों
की
बरामदगी
के
वक्त
मनोज
गौतम
का
बेहोश
होना
पुलिस
की
आंखों
में
खटक
गया।
और
जब
पुलिस
ने
वारदात
की
कड़ियां
जोड़ी
तो
मनोज
का
खूनी
चेहरा
दुनियां
के
सामने
आ
गया।
एसएसपी
सोनिया
सिंह
ने
मनोज
गौतम
का
परिचित
हैं
प्रविंद्र
जो
पिछले
6
महीने
से
इनकी
गाडियों
में
तेल
भरने
का
काम
करता
है।
इन
दोनों
के
द्वारा
योजना
बद्ध
तरीके
से
घटना
को
अंजाम
दिया
गया।
बताया
कि
काॅल
रिकार्डिंग
पर
काम
किया
गया,
इनके
मोबाइल
की
लोकेशन
ट्रेस
की
गई
साथ
ही
फिरोज
से
पूछताछ
में
इनका
नाम
सामने
आया
है।
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