यूपी: 40% लोग अभी भी असमंजस में लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी
हाल में फोर्थलॉयन द्वारा किए गए सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि 40 फीसदी वोटर अभी अपना मन नहीं बना पाए हैं कि वह अपना वोट किसे दें।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के मतदान में अब सिर्फ तीन दिन का समय बचा है, लेकिन प्रदेश में 40 फीसदी वोटर अभी तक इस बात का फैसला नहीं ले पाए हैं कि वह अपना मत किसे देंगे। हाल में फोर्थलॉयन द्वारा किए गए सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि 40 फीसदी वोटर अभी अपना मन नहीं बना पाए हैं कि वह अपना वोट किसे दें।
जिन
लोगों
से
पर
यह
सर्वे
किया
गया
है
उसमें
से
2513
लगों
से
फोन
पर
पूछा
गा
कि
आप
किस
दल
को
अपना
वोट
देंगे,
इसमें
से
अधिकतर
लोग
अभी
इस
बात
का
फैसला
नहीं
सके
हैं
कि
वह
अपना
वोट
किसे
दे।
इस
साक्षात्कार
में
अलग
उम्र,
जाति,
आर्थिक
स्थिति
के
आधार
पर
किया
है
और
हर
वर्ग
के
लोगों
से
इस
बारे
में
पूछा
गया।
इसमें
जो
सबसे
रोमांचक
बात
सामने
आई
वह
यह
कि
इस
पोल
में
कुल
28
फीसदी
लोग
भाजपा
को
आगे
देख
रहे
हैं।
वहीं
समाजवादी
पार्टी
को
यह
लोग
पिछड़ता
हुआ
देख
रहे
हैं,
सपा
के
पक्ष
में
सिर्फ
18
फीसदी
लोगों
ने
अपना
वोट
दिया
है।
दलित वोट भी बंटे
वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती के पक्ष में सिर्फ 4 फीसदी वोट ही पड़े और लोगों का मानना है कि कांग्रेस इस रेस में कहीं भी नहीं है और उसे सिर्फ एक फीसदी लोगों ने ही चुना है। सर्वे के अनुसार 22 फीसदी दलित, 33 फीसदी ओबीसी, 11 फीसदी मुस्लिम भाजपा को अपना समर्थन देना चाहते हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के पास 29 फीसदी मुस्लिम वोटरों का साथा है और 14 फीसदी दलित भी सपा के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि दलितों का 40 फीसदी वोट बसपा के पास गया है और लोगों ने मायावती का समर्थन किया है। बसपा 22 फीसदी ओबीसी, 16 फीसदी मुस्लिम वोटों में भी सेंधमारी करने में सफलता हासिल की है।
शहरी वोटर भी भाजपा-सपा के पक्ष में
यहां एक और आंकड़ो जो गौर करने वाला है वह यह कि सपा और बसपा के पास मुख्यमंत्री का चेहरा है तो भाजपा ने अपनी सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। लेकिन बावजूद इसके भाजपा को लोगों का समर्थन प्राप्त हो रहा है और लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही पार्टी का अहम नेता मानते हैं। इसके साथ ही शहरी वोटरों पर नजर डालें तो सपा के पास 26 फीसदी लोगों का साथ है दो भाजपा के पास 19 फीसदी लोगों का साथ है, वहीं बसपा के पास 21 फीसदी लोग हैं।