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मिसाल: बच्ची को बस अपना दूध नहीं पिला सकती ये मां

नवजात के रोने की आवाज रास्ते से गुजर रहे गांव के गोविंदशरण मिश्र ने सुनीं। उन्होंने गांव पर सूचना दी, इसके बाद लोग इकट्ठा हुए।

By Gaurav Dwivedi
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बहराइच। चाहे मजबूरी रही हो या लोक लाज का भय। एक मां ने बेटी को जन्म देने के बाद उसे गांव के पास झाड़ियों में फेंक दिया। वहीं एक ग्रामीण ने मासूम को बिलखते देखा तो एंबुलेंस बुलवाकर अस्पताल पहुंचाया। सूचना पाकर झौनहा गांव की एक महिला ने मासूम को गोद लेने की पेशकश की तो पुलिस ने लिखापढ़ी के बाद उसे बच्ची सौंप दी। महिला नवजात को गोद में लेकर काफी खुश है।

मिसाल: बच्ची को बस अपना दूध नहीं पिला सकती ये मां

बेटियों को फेंकने की घटनाएं आम हो गई हैं। बीते दो महीने में लगभग दस मामले सामने आ चुके हैं। इनमें तीन नवजात की मौत भी हो चुकी है। सोमवार सुबह पयागपुर थाना क्षेत्र में जैसे ही सूचना फैली कि शिवपुर बैरागी के मजरा दुरबासापुरवा गांव में एक बच्ची झाड़ियों में पड़ी है इस महिला पर रहा ही नहीं गया। नवजात के रोने की आवाज रास्ते से गुजर रहे गांव के गोविंदशरण मिश्र ने सुनीं। उन्होंने गांव पर सूचना दी, इसके बाद लोग इकट्ठा हुए। नवजात को सुरक्षित कर पुलिस को अवगत कराया गया। फिर एंबुलेंस से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाकर भर्ती किया गया।

इलाज के बाद नवजात पूरी तरह स्वस्थ हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराने आई झौनहा गांव की राधा देवी जो गोली प्रसाद की पत्नी हैं, उन्होंने मासूम को देखा तो उसकी ममता उमड़ पड़ी। राधा ने नवजात को गोद लेकर मां का प्यार देने की पेशकश की। इस पर थाना अध्यक्ष संजय मिश्र ने लिखापढ़ी के बाद मासूम को राधा देवी को सौंप दिया। गौरतलब है कि राधा पहले ही चार बेटे और दो बेटियों की मां है। राधा का कहना है कि वो तीसरी बेटी के रूप में नवजात का पालन-पोषण करेगी।

English summary
Positive Story on Save Girl Child
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