थाना छोड़कर भाग रहे घूसखोर थानेदार को उनके ही सिपाहियों ने किया गिरफ्तार
वीडियो में एसओ के रिश्वत लेने की पुष्टि हो गई। जांच में सीओ डीपी शुक्ला ने वीडियो को सही मानते हुए सुबह रिपोर्ट दी थी।
इलाहाबाद। इलाहाबाद के होलागढ़ के थानेदार पूरनमासी राम गौरव का घूस लेते वीडियो वायरल होने के बाद उनकी मुश्किल बढ़ती ही जा रही है। मुकदमा दर्ज होने की खबर लगते ही गिरफ्तारी के डर से थानेदार थाना छोड़कर भाग खड़े हुए। लेकिन जिन मातहत सिपाहियों पर थानेदार हुक्म चलाते थे। उन्हीं सिपाहियों ने थानेदार को गिरफ्तार कर लिया।
अब थानेदार पुलिस हिरासत में है। उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। कानूनी प्रक्रिया के अलावा विभागीय जांच भी उनके खिलाफ की गई है। मामले की जांच कर रहे सीओ सोरांव डीपी शुक्ला ने बताया कि वीडियो सही है। रिपोर्ट एसएसपी को दी गई है। उनके आदेश पर थानेदार पूरनमासी राम को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
बुरे
फंसे
थानेदार
बता
दें
कि
एक
घर
कुर्क
करने
के
मामले
में
10
हजार
रुपए
की
रिश्वत
लेते
हुए
होलागढ़
एसओ
पूरनमासी
राम
गौरव
का
वीडियो
वायरल
हुआ
था।
एसएसपी
आनंद
कुलकर्णी
ने
इसकी
जांच
सीओ
सोरांव
डीपी
शुक्ल
को
सौंपी
थी।
सीओ
सोरांव
डीपी
शुक्ला
लखनऊ
में
थे।
रात
में
लौटते
ही
वीडियो
का
परीक्षण
किया
गया।
विशेषज्ञों
से
भी
राय
ली
गई।
जिसके
आधार
पर
वीडियो
में
एसओ
के
रिश्वत
लेने
की
पुष्टि
हो
गई।
जांच में सीओ डीपी शुक्ला ने वीडियो को सही मानते हुए सुबह रिपोर्ट दी थी। थानेदार को निलंबित किया गया। लेकिन बाद में पूरनमासी गौरव पर एफआईआर दर्ज हुई तो इसकी भनक लगते ही एसओ थाना छोड़कर भाग खड़े हुए। इस बाबत सीओ सोरांव ने बताया कि आरोपी एसओ के खिलाफ भ्रष्टाचार की धारा के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
थाने पर मौजूद लोगों का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने की जानकारी एसओ को हुई तो वो थाने से पैदल भागने लगे। कुछ दूरी पर एक बाइक भी खड़ी थी। ये खबर जब मुझे मिली तो सिपाहियों को दौड़ाकर उनको पकड़वा लिया गया। आरोपी पूरनमासी कहां जा रहे थे। ये तो नहीं पता लेकिन कप्तान साहब का आदेश था। इसलिए थाने से निकलते ही उनको हिरासत में ले लिया गया है। अब इस मामले की विस्तृत जांच सीओ हंडिया को सौंपी गई है।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
एसएसपी इलाहाबाद आनंद कुलकर्णी ने कहा कि भ्रष्टाचार और गलत आचरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। पुलिस प्रशासन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ये सख्त कदम उठाया गया है। छोटा या बड़ा कोई भी अधिकारी हो अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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