गोरखपुर में एक अकाउंट में जमा हुए 3.42 अरब रुपये, PMO ने तत्काल मांगा जवाब
अकाउंट पैनकार्ड से जुड़ा था, इसलिए इतनी ज्यादा रकम के जमा होने और निकासी की जानकारी पीएमओ और वित्त मंत्रालय को भी हो गई। दोनों ही कार्यालयों से पूछताछ का पत्र सर्कल ऑफिस के जरिए डाक विभाग पहुंचा।
गोरखपुर। यूपी में गोरखपुर जिले के अलीनगर डाकघर के एक खाते में साढ़े तीन अरब रुपये पोस्ट करने और फिर उसे वापस लेने का मामला सामने आया है। करीब एक महीने पहले हुई इस गलती को डाक विभाग ने दबा लिया था लेकिन इस संबंध में सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और वित्त मंत्रालय की ओर से चिट्ठी आई तो डाक विभाग के होश उड़ गए। पूरे दिन जवाब को लेकर मशक्कत हुई और फिर देर शाम पीएमओ और वित्त मंत्रालय को कार्यालयी गलती का हवाला देते हुए सफाई भरा पत्र भेज दिया गया।
रकम की जगह भर दिया अकाउंट नंबर
बिंद टोला जाफरा बाजार के रहने वाले विपुल कुमार वैश्य 21 नवंबर को अपने खाते में 5000 रुपये जमा करने अलीनगर डाकघर पहुंचे थे। क्लर्क ने रकम जमा तो की लेकिन थोड़ी ही देर में कंप्यूटर में दर्ज जमा राशि देखकर उसके होश उड़ गए। दरअसल उसने रकम के कॉलम में खाता संख्या 3425780540 भर दिया था। ऐसे में विपुल के खाते में तीन अरब 42 करोड़ 57 लाख 80 हजार 540 रुपये दिखने लगे। यह देख घबराए पोस्टमास्टर कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी। आनन-फानन में सर्कल ऑफिस लखनऊ से इसे लेकर सलाह मांगी गई और वहां से मिली सलाह के आधार पर उस रकम को पोस्टमास्टर के डमी अकाउंट में पोस्ट कर दिया गया, जिससे खाताधारक का अकाउंट एक घंटे में दुरुस्त हो गया। लेकिन मामला यहीं रफा-दफा नहीं हुआ।
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पैन कार्ड की वजह से PMO तक पहुंचा मामला
दरअसल, अकाउंट पैनकार्ड से जुड़ा था, इसलिए इतनी ज्यादा रकम के जमा होने और निकासी की जानकारी पीएमओ और वित्त मंत्रालय को भी हो गई। दोनों ही कार्यालयों से पूछताछ का पत्र सर्कल ऑफिस के जरिए सोमवार को डाक विभाग में पहुंचा तो वहां हड़कंप मच गया। विभाग के अधिकारियों ने इसे लेकर पहले विचार विमर्श किया और फिर देर शाम स्थिति का हवाला देते हुए जवाब भेजकर राहत की सांस ली। हालांकि अब पीएमओ और वित्त मंत्रालय का रुख क्या रहेगा, इसे लेकर विभाग में भय की स्थिति बनी हुई है।
दूसरे दिन मिली पासबुक
विपुल कुमार वैश्य ने बताया कि रकम जमा करने दौरान जब क्लर्क से गड़बड़ी हुई तो पोस्टमास्टर ने उन्हें इस बात की जानकारी दी और पासबुक लेने के लिए दूसरे दिन आने को कहा। उन्होंने कहा, 'जब मैं दूसरे दिन पहुंचा तो पासबुक में मेरी ओर से जमा किए गए 5000 रुपये ही दर्ज थे। इसलिए मैंने कोई आपत्ति नहीं की।'
डाक विभाग ने दी सफाई
प्रवर अधीक्षक डाक डीबी त्रिपाठी कहा, 'मानवीय त्रुटि से खाते में रकम की जगह एकाउंट नंबर पोस्ट हो गया था लेकिन समय से जानकारी मिलते ही उसे दुरुस्त कर लिया गया। पीएमओ और वित्त मंत्रालय से इसे लेकर मांगा गया। जवाब भी सोमवार शाम भेज दिया गया है। पोस्टमास्टर के खाते में पोस्ट की गई रकम असल में है ही नहीं इसलिए सर्कल ऑफिस से उसका निस्तारण भी जल्द कर दिया जाएगा।'