काशी में पीएम मोदी ने राहुल गांधी का जमकर उड़ाया मजाक
वाराणसी में पीएम मोदी ने राहुल गांधी का जमकर उड़ाया मजाक, बोले अच्छा हुआ यह पैकेज खुल गया, वरना लोगों को पता ही नहीं चलता इस पैकेज में क्या है।
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का जमकर मजाकर उड़ाया। उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ वह बोले और लोगों को पता चल गया कि इस पैकेज में क्या है।
अब
पता
चल
गया
क्या
है
पैकेज
में
2009
में
पता
ही
नहीं
चलता
था
कि
इस
पैकेज
के
अंदर
क्या
है,
अब
पता
चल
रहा
है
कि
ये
है,
ये
नहीं
है।
ना
बोलते
तो
बड़ा
भूकंप
आ
जाता
और
देश
को
इतना
बड़ा
भूकंप
झेलना
पड़ता
कि
देश
10
साल
तक
उभर
नहीं
पाता।
राहुल
गांधी
ने
बड़ा
मजेदार
कहा,
जिस
देश
में
60
फीसदी
लोग
अनपढ़
हों
वहां
मोदी
ऑनलाइन
बैंकिंग
की
शुरुआत
कैसे
कर
सकता
है।
इसे
भी
पढ़े-
वाराणसी
में
पीएम
मोदी,
यूपी
चुनाव
के
लिए
मेगा
प्लान
ये
60
फीसदी
अनपढ़
थे,
ये
रिपोर्ट
कार्ड
किसका
दे
रहे
है।
ये
लोग
जो
कर
रहे
हैं
इसकी
उनको
भी
समझ
नहीं
है।
किसी
का
कालाधन
खुल
रहा
है
तो
किसी
का
कालामन
खुल
रहा
है।
लेकिन
देश
साफ
सुथरा
होकर
तपकर
के
सोने
की
तरह
से
निकलेगा,
ऐसे
मुझे
विश्वास
है।
इन्हें लगता था कि ये काशी का बच्चा है, काशी की जनता ने मुझे पाला-पोसा है। उनके एक युवा नेता है, अभी भाषण सीख रहे हैं, जबसे उन्होंने बोलना सीखा है और बोलना शुरु किया है मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है।
चिदंबरम
को
लिया
आड़े
हाथ
मनमोहन
सिंह
के
दूसरे
महानुभाव
चिदंबरम
जी
कहते
हैं
कि
हमारे
देश
में
50
फीसदी
गांवों
में
अभी
भी
बिजली
नहीं
है
तो
कैशलेस
कैसे
करोगे।
अब
बताइए
कहीं
अगर
बिजली
थी
तो
क्या
मैंने
आकर
खंबे
उखाड़
दिए
है।
2014
में
कहते
थे
कि
हमने
इतना
विकास
किया
है
कि
मोदी
की
वाराणसी
में
जमानत
जब्त
हो
जाएगी।
मनमोहन
सिंह
पर
भी
कसा
तंज
मनमोहन
सिंह
ने
कहा
कि
जिस
देश
में
50
फीसदी
लोग
गरीब
हों
वहां
डिजिटल
बैंकिंग
कैसे
हो
सकती
है,
ऐसे
में
वह
अपना
हिसाब
दे
रहे
हैं
कि
मेरा,
यह
50
फीसदी
गरीबी
किसकी
विरासत
है।
आप
अपना
रिपोर्ट
कार्ड
दे
रहे
है,
मुझे
खुशी
हो
रही
है।
इसे
भी
पढ़े-
यूपी
चुनाव
से
पहले
अखिलेश
का
मास्टर
स्ट्रोक,
17
OBC
जाति
दलित
में
शामिल
विरोध
के
लिए
लोग
संतुलन
खो
देते
हैं
कुछ
लोग
विरोध
करने
में
अपना
संतुलन
खो
देते
हैं,
लोग
बोलने
में
ऐसी
गड़बड़
करते
हैं
कि
जिसका
कोई
औचित्य
ही
नहीं
है।
लोगों
को
लगता
है
कि
मनमोहन
सिंह
वित्तमंत्री
थे,
1970
से
देश
की
अर्थव्यवस्था
में
वह
अहम
सदस्य
थे,
लेकिन
उनकी
कुशलता
देखो
उनपर
कोई
भी
दाग
नहीं
लगा
आजतक।
लोग
हमारे
साथ
जनता
को
बहुत
तकलीफ
हुई
है,
लेकिन
बावजूद
इसके
लिए
देश
तैयार
है
और
लोग
घंटों
कतार
में
खड़े
रहते
हैं।
इतनी
तकलीफ
के
बावजूद
भी
लोग
इस
फैसले
के
खिलाफ
नहीं
बोल
रहे
है।
जनता
जनार्दन
तो
स्वयं
इश्वर
की
है
और
इश्वर
के
आशीर्वाद
से
कोई
काम
अधूरा
नहीं
रहता
है।
इसे भी पढ़े- कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं क्रिकेटर हरभजन सिंह, बातचीत का दौर जारी
बेइमानों
को
बचाने
के
लिए
अपना
रहे
हैं
कई
रास्ते
मेले
में
जेबकतरे
आते
हैं,
वो
बहुत
चालाक
होते
हैं,
उसके
साथी
को
पता
होता
है
कि
वह
कहां
है
और
वह
दूसरी
तरफ
बोलता
है
कि
वहां
चोर
भाग
रहा
है,
ऐसे
में
पुलिस
दूसरी
तरफ
भागती
है
और
चोर
आसानी
से
भाग
जाता
है।
बेइमानों
को
बचाने
के
लिए
कैसी-कैसी
तरकीब
अपनाई
जा
रही
है।
पाकिस्तान,
घुसपैठियों
को
जब
सीमा
में
भेजना
होता
है
तो
क्या
करता
है,
वह
सीमा
पर
गोलीबारी
शुरु
कर
देता
है
जिससे
वह
सीमा
में
घुस
जाते
हैं।
इन
दिनों
आपने
संसद
में
देखा
होगा,
लेकिन
अब
समझ
आया
कि
यह
हो-हल्ला
किसकी
भलाई
के
लिए
किया
जा
रहा
है।
नेता
और
दल
हिम्मत
के
साथ
बेइमानों
के
साथ
जब
मैं
इस
काम
के
लिए
योजना
बना
रहा
था
तो
कभी
नहीं
सोचा
था
कि
देश
के
कुछ
राजनेता
और
दल
हिम्मत
के
साथ
बेइमानों
के
साथ
खड़े
हो
जाएंगे।
मैंने
यह
सोची
ही
नहीं
था
कि
ऐसा
हो
सकता
है,
लेकिन
अब
मैं
सोच
रहा
हूं
कि
यह
सब
कैसे
हो
रहा
है।
कुछ
लोग
कहते
हैं
कि
मोदीजी
ने
इतना
बड़ा
फैसला
ले
लिया
कि
उनको
अनुमान
नहीं
था।
यह
बात
सही
है
कि
मैंने
बहुत
सी
चीजों
का
अनुमान
किया
था
लेकिन
एक
अनुमान
करने
में
विफल
रहा।
भोले
बाबा
के
आशीर्वाद
से
लिया
यह
फैसला
एक
बार
जब
सफाई
हो
जाए
तो
मन
करता
है
कि
यह
जगह
कितनी
अच्छी
है
यहां
तो
बगीचा
बनाया
जा
सकता
है।
यह
काशी
का
आशीर्वाद
है
कि
मैंने
गंदगी
की
सफाई
का
बेड़ा
उठाया
है,
भोले
बाबा
के
आशीर्वाद
में
ताकत
तो
होती
ही
है।
सफाई
अभियान
चल
रहा
है,
बदबू
आएगी
इन
दिनों
देश
का
एक
बहुत
बड़ा
सफाई
अभियान
चल
रहा
है।
अगर
गंदगी
का
बड़ा
ढेर
हो
और
वहां
से
आप
गुजरते
हैं
तो
दुर्गंध
आती
है,
एक
सीम
में
दुर्गंध
महसूस
होती
लेकिन
जब
उसकी
सफाई
शुरु
होती
है
तो
गंध
इतनी
ज्यादा
होती
है
कि
वहां
से
गुजरना
मुश्किल
हो
जाता
है।
आजक
आप
देख
रहे
होंगे
कि
कैसी-कैसी
गंध
महसूस
हो
रही
है।
गरीबों
को
मुहैया
कराएंगे
सस्ती
दवा
गरीब
से
गरीब
व्यक्ति
को
सस्ती
से
सस्ती
दवा
और
इलाज
कैसे
मिले
हम
इसके
लिए
प्रयास
कर
रहे
हैं।
दवाइयां
सस्ते
में
मिले,
सही
मिले
और
सही
समय
पर
मिले
हम
इसके
लिए
काम
कर
रहे
हैं।
पहले
वैद्य
नाड़ी
पकड़कर
इलाज
करता
था,
लेकिन
अब
डॉक्टर
का
काम
कम
हो
रहा
है
जबकि
तकनीक
का
काम
बढ़
रहा
है।
तकनीक
का
हस्तक्षेप
मेडिकल
साइंस
में
बहुत
तेजी
से
बढ़
रहा
है,
जिसकी
वजह
से
बेहतर
इलाज
हो
रहा
है।
चाणक्य
आज
भी
प्रासंगिक
आज
यहां
चाणक्य
नाट्य
का
भी
मंचन
होने
जा
रहा
है,
मुझे
याद
है
कि
यह
उनका
1001वां
मंचन
है
और
पहले
मंचन
के
दौरान
मैं
यहां
मौजूद
था।
चाणक्य
आज
भी
अजरा
अमर
हैं।
सदियों
पहले
एक
महापुरुष
इतनी
दूर
की
देख
सकता
है।