UP में बंपर जीत के बाद दलितों को साधने का PM मोदी का मेगा प्लान
यूपी में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दलितों को अपनी ओर करने की नई कोशिश, बाबा साहब का जन्मदिन एक हफ्ते तक मनाया जाएगा।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी चुनावों की रणनीति की आधारशिला को रखना शुरु कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के सांसदों के साथ बैठक के दौरान भविष्य की नीति के तहत नए सिरे से दलितों तक पहुंचने की बात कही है, पीएम ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 125वें जन्मदिवस के मौके पर युवाओं के बीच हमें अपनी बैठ बढ़ाने की जरूरत है।
यूपी-उत्तराखंड में जीत के मौके पर पीएम का सम्मान करने के लिए सांसदों के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि ना बैठुंगा, ना बैठने दुंगा। प्रधानमंत्री ने हाल में मिली जीत के तुरंत बाद सांसदों को नया लक्ष्य दिया है, उन्होंने तमाम सांसदों को एक हफ्ते तक बाबा साहब के जन्मदिन के उत्सव को मनाने को कहा है, 8 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच पीएम ने बाबा साहब के जन्मदिन को मनाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करें। पीएम ने कहा कि सरकार ने जो भीम ऐप बनाया है उसका अधिक से अधिक प्रचार किया जाए।
एक हफ्ते तक मनाया जाएगा बाबा साहब का 125वां जन्मदिन
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंबेडकर जी को अभी वह सम्मान नहीं मिला है जिसके वह हकदार हैं, पीएम ने अपने इस बयान से अपरोक्ष रूप से कांग्रेस पर हमला बोला, कांग्रेस ने गांधी-नेहरू परिवार के इतर तमाम बड़े दिग्गजों को दरकिनार किया और उन्हें नजरअंदाज किया है। पीएम ने कहा कि बाबा साहब के 125वें जन्मदिन के मौके पर सरकार 14 अप्रैल को एक नया सिक्का जारी करेगी।
कमजोर पड़ती बसपा और भाजपा की दलित राजनीति का उदय
बाबा साहब के जन्मदिन के उत्सव को एक हफ्ते तक मनाया जाएगा और पीएम के इस फैसले को नरेंद्र मोदी और संघ परिवार की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है जिसके तहत बाबा साहब को पार्टी अपनाने के साथ दलितों के बीच अपनी पैठ को अधिक से अधिक बढ़ाना चाहती है। यूपी में जिस तरह से मायावती के अहम दलित वोट बैंक में भाजपा ने सेंधमारी की है उसे लेकर पार्टी के हौसले काफी बुलंद है, लिहाजा भाजपा आने वाले दिनों में दलितों के बीच अपनी पैठ को अधिक से अधिक बढ़ाना चाहती है।
पीएम के कदम की टाइमिंग अहम
प्रधानमंत्री के इस फैसले की टाइमिंग काफी अहम है, यह ऐसा समय है जब उत्तर प्रदेश में मायावती को बुरी हार का मुंह देखना पड़ा है, इसके अलावा जिस तरह से गैर जाटव दलितों का भाजपा को समर्थन मिला है वह भी गौर करने वाली बात है। बसपा बाबा साहब अंबेकर को अपने सबसे बड़े नेता के तौर पर दिखाती है, ऐसे में पीएम का बाबा साहब का एक हफ्ते तक जन्मदिन मनाने का ऐलान को एक बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा।
दलित राजनीति का अहम हथियार बनेंगे बाबा साहब
यूपी में कई दलित बाहुल्य इलाकों में बसपा की हार ने भाजपा के हौसलों को बुलंद कर दिया है, लिहाजा पार्टी ऐसी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है जिससे वह दलितों के बीच अपनी पैठ को अधिक से अधिक बढ़ा सके। पीएम ने जिस तरह से भीम एप को बाबा साहब के नाम पर रखा है और उसे लोकप्रिय करने को कहा है उससे साफ है कि पार्टी बाबा साहब को दलितों को अपनी ओर करने के लिए एक अहम राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है।
छात्रों पर भी पार्टी की नजर
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने युवा छात्रों को लेकर अपनी रणनीति साफ की है, पीएम ने कहा कि युवा छात्र आजकल अखबार और टीवी के बजाए मोबाइल फोन के जरिए जानकारी हासिल करते हैं, लिहाजा हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम उनके साथ मोबाइल फोन के जरिए संपर्क स्थापित करें। उन्होंने पार्टी के नेताओं से कहा कि इन बच्चों से हमें उस वक्त संपर्क साधना चाहिए जब वह 12वीं कक्षा में हो।