कैश ना मिलने पर फूटा गुस्सा, भीड़ ने किया पथराव, तोड़ डाला बैंक का फर्नीचर
मुरादाबाद में बैंक के सामने घंटों इंतजार के बाद जब लोगों को कैश नहीं मिला को भीड़ बेकाबू हो गई।
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कैश ना मिलने पर भीड़ ने अपनाी गुस्सा बैंक कर्मचारियों और बिल्डिंग पर निकाला। भीड़ ने बैंक पर पथराव किया और बैंक का फर्नीचर तोड़ डाला।
नोटबंदी के ऐलान को एक महीने पूरा हो जाने के बावजूद बैंकों में कैश ना मिलने से अब लोगों का सब्र जवाब देने लगा है। देश के कई हिस्सों से बैंकों में भीड़ के हंगामें करने की खबरें हैं।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच आज भीड़ के गुस्से का शिकार हुई है। हर रोज की तरह आज भी बैंक के सामने लंबी लाइन लगी थी लेकिन कैश दो घंटे बाद ही खत्म हो गया, इससे लोग भड़क गए।
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बैंककर्मियों के कैश खत्म होने की बात कहने पर लोगों ने नाराजगी जताई तो कर्मचारियों ने लोगों को बैंक के बाहर जाने को कह दिया। इसके बाद लोग भड़क गए।
बैंक के बाहर जमा भीड़ ने पथराव कर बैंक का दरवाजा और शीशा तोड़ दिया। मौजूद लोगों ने कहा कि हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोग सुबह 4 बजे ही बैंक के सामने आकर खड़े हो जाते हैं लेकिन कैश नहीं मिलता।
लोगों का कहना है कि जो आदमी सुबह 4-5 बजे से लाइन में लगा है, उसे अगर दो हजार रुपये भी नहीं मिलेंगे तो उसकी निराशा का अंदाजा आप लगा सकते हैं। लोगों ने बताया कि कुछ लोगों को पैसा देने के बाद जब बैंककर्मियों ने कैश ना होने की बात कही तो भीड़ ने बैंक पर जमकर पत्थर चलाए।
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लगातार कैश की कमी से टूट रहा लोगों का सब्र
ये पहला मौका नहीं है, जब देश में किसी बैंक में तोड़फोड़ की स्थिति बनी है। इसी हफ्ते मुजफ्फरनगर में भी कैश ना मिलने पर लोगों ने सड़क जाम कर दिया था। एक बैंक में मैनेजर के भी बंधक बनाया गया था।
8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोटों पर बैन की घोषणा की थी, जिससे बाजार में मौजूद करीब 85 फीसदी करेंसी चलन से बाहर हो गई।
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इसके बाद से एक महीने से ज्यादा के वक्त गुजर जाने के बावजूद देश में कैश को लेकर मारामारी की स्थिति है। अब तक 85 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं, जिनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संबंध नोटबंदी से रहा है।
सरकार ने पिछले 31 दिनों में कैश की कमी से निपटने के लिए कई दावे किए हैं। वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री और आरबीआई की ओर से लगातार कई घोषणाओं के बावजूद देश में कैश की भारी कमी है।