उत्तर प्रदेश में पुराने नोटों से 24 नवंबर तक करा सकेंगे जमीन का रजिस्ट्रेशन
नोट बैन से जनता को परेशानी की बात कहते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की घोषणा।
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि प्रदेश में जिन लोगों को जमीनों के रजिस्ट्रेशन कराने हैं, वो 24 नवंबर तक बैन हो चुके (500 और 1000) नोट देकर रजिस्ट्री करा सकते हैं।
8 नवंबर को पीएम मोदी के 1000 और 500 के नोट पर बैन की घोषणा के बाद कई बार पीएम मोदी से बैन में कुछ दिनों की छूट की मांग कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खुद ही एक बड़ा फैसला लिया है।
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अखिलेश यादव ने आज घोषणा की है कि प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री में 24 नवंबर तक पुराने नोटों के चलने की घोषणा का है।
केंद्र सरकार ने भी 24 नवंबर तक जरूरी चीजों के लिए 500 और 1000 के नोट चलाए जाने की छूट दी है। जिन जगहों पर पुराने नोट चल रहे हैं, उनमें सरकारी अस्पताल, पेट्रोल पंप, शमशान घाट, सरकारी बिल(बिजली-पानी आदि) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को की थी घोषणा
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 500 और 1000 के नोट पर बैन की बात कही थी। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा था कि ब्लैक मनी पर प्रहार करने के लिए 1000 के नोट बंद होंगे जबकि 500 के नोट बदले जाएंगे।
पीएम ने 1000 और 500 रुपये के मौजूदा करंसी नोटों को 8 नवंबर की रात 12 बजे से बंद करने का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा था कि 500 और 1000 रुपये के करैंसी नोट कानूनी रूप से मान्य नहीं रहेंगे।
पीएम मोदी ने इस बैन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि हम जाली नोटों और करप्शन के खिलाफ जो जंग लड़ रहे हैं, इससे उस लड़ाई को ताकत मिलेगी।
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विपक्षी दलों में हैं भारी विरोध
अखिलेश यादव पहले भी इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उनके साथ-साथ दूसरे विपक्ष दल भी इसे जनता पर बेवजह की मार कह रहे हैं।
राहुल गांधी फैसले पर अपना विरोध जता चुके हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नोट बैन के पर दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पीएम के फैसले की आलोचना करते हुए पीएम को रिश्वत लेने वाला बताया है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसे एक खराब फैसला बता चुकी हैं। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव नोट बैन का मुद्दा संसद में उठाने की बात कह चुके हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे इस फैसले की कड़ी आलोचना कर चुके हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 के नोट को आर्थिक आपातकाल कहा है। उन्होंने इसे जनता पर बेवजह की मार कहते हुए फैसले की आलोचना की है।
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