पुराने पड़ चुके 'चेतक' को हटाने का किया वादा, कब करेगी सरकार पूरा?
इलाहाबाद में बुधवार को ये पहला हेलिकॉप्टर क्रैश नहीं था। बीते दो दशक में ये पांचवा हादसा था। अब तक इन हादसों में कई जाने जा चुकी हैं। ग्रामीण और शहरी इलाकों में कई बार मौत का तांड़व हो चुका है।
इलाहाबाद। इंडियन एयरफोर्स यानी भारतीय वायुसेना का जो चेतक हेलिकॉप्टर बुधवार को इलाहाबाद में क्रैश हुआ, उसकी दास्तां भी बड़ी दिलचस्प है। आउटडेटेड हो चुके इस हेलिकॉप्टर को सालों से हटाए जाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। पिछले साल भी कुछ इसी तरह का हादसा चेतक के साथ हुआ था। तब दो पायलट शहीद हो गए थे। उस वक्त शहीद हुए आर्मी जवानों की पत्नियों ने तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की थी और पर्रिकर से ऐसे आउटडेटेड हेलिकॉप्टर्स को बंद करवाने की रिक्वेस्ट की थी। जिसके बाद पर्रिकर ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इंडियन एयर फोर्स बेड़े में पुराने हो चुके चेतक और चीता हेलिकॉप्टर्स को हटा दिया जाएगा।
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इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने अपनी प्लानिंग भी शुरू कर दी थी लेकिन बुधवार को फिर से हादसा हुआ । गनीमत रही कि दोनों जवान बच गए। लेकिन फिर से एक बार ये सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर पुराने हो चुके इन हेलिकॉप्टर को सुरक्षा मानकों के ताक पर रख कर क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है?
इलाहाबाद में अब तक पांच हादसे
इलाहाबाद में बुधवार को ये पहला हेलिकॉप्टर क्रैश नहीं था। बीते दो दशक में ये पांचवा हादसा था। अब तक इन हादसों में कई जाने जा चुकी हैं। ग्रामीण और शहरी इलाकों में कई बार मौत का तांड़व हो चुका है। पिछली बार ये हादसा कालिंदीपुरम में एक पानी की टंकी और एक घर के बीच में हुआ था। पीपल गांव खाई व बजहा में भी हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुका है। तीन हादसों में पायलट की जान बच गई जबकि दो हादसों में पायलट मारे गए हैं।
23 हजार लोगों ने की थी बैन की मांग
फौजियों की पत्नियों ने पुराने हेलिकॉप्टर को हटाने के लिए शहीदों की पत्नियों का सहारा लिया और महिलाओं का ग्रुप बनाकर ऑनलाइन मुहिम चलाई। पुराने हेलिकॉप्टर हटाने की मांग व बैन के लिए 23 हजार लोगों ने इस मुहिम को सपोर्ट किया था। पिछले साल ऐसे हादसों में शहीद हुए आर्मी जवानों की पत्नियों ने तत्कालीन डिफेंस मिनिस्टर मनोहर पर्रिकर से इन आउटडेटेड हेलिकॉप्टर्स को बंद करवाने की रिक्वेस्ट की थी। आश्वासन भी मिला था जिसके बाद उम्मीद थी कि लोगों की भावनाओं और सुरक्षा पहलू पर सरकार गंभीर होगी लेकिन हालात वैसे ही बने रहे और एक और हादसा हो गया।
पुराने हो गए चेतक और चीता हेलिकॉप्टर्स
इंडियन एयर फोर्स के बेड़े में शामिल चेतक और चीता हेलिकॉप्टर्स पुराने हो चुके हैं। अब इन्हे युद्ध में भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। केवल ये ट्रेनिंग और मेडिकल इमरजेंसी में ही उपयोग में लाए जाते हैं। लेकिन पुराने होने के बावजूद इनमें आए दिन तकनीकी खराबी आती रहती है और ये दुर्घटना का शिकार होते हैं। वायुसेना भी इन पुराने विमान और इनकी वजह से जा रही जानों पर फैसला लेने का आश्वासन देती आ रही है।
चेतक हेलिकॉप्टर की खास बातें
चेतक हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। इसकी स्पीड 220 km/hr की है। ये अपने आप में बेहद मजबूत और तत्कालीन समय में उच्च तकनीक का कुशल नमूना था। चेतक हेलिकॉप्टर फ्रेंच हेलिकॉप्टर एयरोस्पाटियेल अलाउटे का इंडियन वर्जन है। इलाहाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए चेतक हेलिकॉप्टर की मौजूदा कीमत 13.6 करोड़ रुपए तक है। इसमें एक साथ 5 पैसेंजर्स ही बैठाया जा सकता है। जब कभी मेडिकल इमरजेंसी के हालात होते हैं तब चेतक और चीता हेलिकॉप्टर्स आर्मी अभियान में लगते हैं। ये हेलिकॉप्टर एक बार में 500 किलो तक वजन लेकर उड़ सकता है। देश की सेवा चेतक और चीता का गौरवशाली इतिहास रहा है।
हो सकता था बड़ा हादसा!
बामरौली ऐयरबेस से उड़ान भरकर रूटीन ट्रेनिंग कर रहे चेतक में बुधवार को तकनीकी खराबी आ गई थी। जिसके बाद पायलट ने चेतक की क्रैश लैंडिंग कराई। लेकिन जहां हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ वहीं भारत गैस का गोदाम भी है। गनीमत की हेलिकॉप्टर में विस्फोट नहीं हुआ नहीं तो गैस गोदाम भी चपेट में आ जाता और ये घटना बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी। फिलहाल मामले की जांच वायुसेना कर रही है।
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