उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

किसानों को लूटने वाले अधिकारियों की कोर्ट ने बताई जालसाजी

जिसका कानून में कहीं प्रावधान ही नहीं है उस नाम पर किसानों से की जाती थी वसूली।

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसानों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। अब कर्ज वसूली में किसानों को 10% रिकवरी चार्ज नहीं देना होगा। बल्कि रिकवरी चार्ज के तौर पर वसूल की गई रकम को भी किसान के बैंक खाते में वापस करनी होगी। आश्चर्य की बात ये है कि बिना किसी नियम के ही किसानों से ये रकम वसूल की जा रही थी। खुद तहसीलदार ही ये वसूली कर रहे थे जो वैधानिक नहीं है।\

 किसानों को लूटने वाले अधिकारियों की कोर्ट ने बताई जालसाजी

बहराइच के महसी तहसीलदार के विरूद्ध दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी की और अपने फैसले को पूरी स्पष्ट करते हुये कहा कि यूपी रेवेन्यू कोड 2006 की धारा 180 व यूपी रेवेन्यू कोड रूल्स 2016 के नियम 178 व 179 के तहत जारी किए जाने वाले इस तरह के रिकवरी आदेशों के तहत 10 प्रतिशत वसूली चार्ज लेने का कहीं प्रावधान नहीं हैं। नियमों में सिर्फ इतना कहा गया है कि रिट ऑफ डिमांड के लिए पांच रुपये व रिट ऑफ अरेस्ट जारी करते समय 10 रुपये वसूल किए जा सकते हैं। यानी की 10 रुपये की जगह यूपी के तहसीलदार किसानों से दस प्रतिशत वसूल कर अपनी जेब गर्म कर रहे थे।

 किसानों को लूटने वाले अधिकारियों की कोर्ट ने बताई जालसाजी

वापस देनी होगी रकम

यूपी के बहराइच में महसी तहसीलदार द्वारा किसानों से कर्ज की रिकवरी प्रक्रिया शुरू की गई। इस पर कुछ किसानों ने 99 हजार रुपए जमा किए। तहसीलदार ने इसमे 10 प्रतिशत रकम रिकवरी चार्ज के तौर पर काटकर जेब में रखी। बाकी बचा पैसा बैंक में जमा कर दिया। इसे लेकर कृष्ण बहादुर सिंह व अन्य किसानों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने पाया कि रिकवरी सार्टीफिकेट जारी करते समय तहसीलदार उनसे अन्य रिकवरी खर्च के नाम पर 10 फीसद रकम जोड़ दिया करते हैं। कोर्ट ने रिकवरी के नाम पर ली रकम वापस याचिकायों के बैंक खाते में जमा करने का आदेश दिया। साथ ही जिलाधिकारी को जांच के भी आदेश दिए हैं।

ऐसे मिलेगी राहत

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश के सीमांत व गरीब किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। अब राजस्व अधिकारी कर्ज की वसूली करते समय किसानों द्वारा जमा की जाने वाली राशि का दस प्रतिशत रिकवरी चार्ज के तौर पर वसूल नहीं कर रखेंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश को विस्तार देते हुए कहा कि सभी तहसीलदारों और अन्य राजस्व अधिकारी रिकवरी सार्टीफिकेट जारी करते समय अब रिकवरी चार्जेज, रिकवरी खर्च या अन्य खर्च जैसे शब्दों का प्रयोग न करें।

<strong>Read more: लव मैरिज करने वाले SDM की करतूत, किया पत्नी को बेघर</strong>Read more: लव मैरिज करने वाले SDM की करतूत, किया पत्नी को बेघर

Comments
English summary
Officers who rob the farmers, the court told the counterfeiting
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X