योगी राज में कार्रवाई के डर से काम कर रहे अधिकारी, देखिए सबूत
योगी सरकार आने के बाद अधिकारी मुस्तैदी से काम करते दिख रहे हैं। सरकारी अफसरों के चक्कर लगा रही एक महिला को बड़ी राहत मिली।
मेरठ। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही अधिकारियो की वर्किंग स्टाइल भी बदल गयी है। वर्तमान की योगी सरकार में हर विभाग का अधिकारी कार्रवाई के डर से 24 से 48 घंटों में आम जनता की समस्या का निस्तारण करने में जुटे हैं। इसका उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब मेरठ निवासी एक महिला प्रदेश के मुख्यमंत्री के दरबार में पेश हुईं। उसके बाद सीएम ऑफिस से मिले आदेश के बाद अधिकारी महिला की आवभगत में लगे हुए हैं। सीएम ऑफिस से महिला की मदद के निर्देश मिलते ही डीएम ने जिलास्तरीय तमाम अधिकारियों को बुलाकर महिला की समस्या के निस्तारण की बात है। दिशानिर्देश मिलने ने बाद महिला की मासूम बेटी को एम्बुलेंस के जरिये डॉक्टरी परीक्षण के लिए भेज दिया है।
Read Also: महंगा पड़ सकता है 'सुपरटेक' से फ्लैट खरीदना! HC ने सील किए 1,060 फ्लैट्स
मुख्यमंत्री योगी के दरबार में पहुंची महिला
दरअसल , मेरठ के थाना गंगानगर के गांव सलारपुर निवासी आरती मेरठ के जिला प्रशासन से नाखुश होकर दो दिन पूर्व लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी से मिली और उसने अपनी आपबीती मुख्यमंत्री योगी को बताई। महिला ने सीएम योगी को बताया कि कुछ दिन पूर्व महिला के पति की हत्या हो गयी थी। उसके अलावा परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है। विधवा महिला के दो बच्चे भी हैं और उसकी सास भी आँखों से देख नहीं पाती हैं।
कुछ दिन पहले हुई थी पति की हत्या
ऐसे में उनके सामने उनके बच्चे और सास के लालन-पालन की समस्या आ गयी। जिस पर परेशान महिला ने अपने बच्चों के साथ आकर जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन जिला प्रशासन ने महिला की एक न सुनी जिसके बाद अब सत्ता के परिवर्तन होने पर महिला ने सीएम योगी से मिलकर जिला प्रशासन की शिकायत करते हुए मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद सीएम ऑफिस से डीएम को कार्रवाई के दिशानिर्देश दिए गए हैं।
सीएम ऑफिस के आदेश के बाद कार्रवाई
अब मेरठ का जिला प्रशासन महिला की मदद कर रहा है। जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने बताया कि अब तक महिला की तरफ से कोई आवेदन नहीं किया है। अब डीएम के आदेश के बाद महिला की बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। महिला की सास के लिए पेंशन की व्यवस्था करते हुए महिला का बीपीएल कार्ड बनाकर उसे सरकार की तरफ से मिलने वाली हर मदद दी जाएगी।
महिला ने कहा, अधिकारियों का रवैया बदला
अधिकारियों के बदले रवैये को देखकर महिला और उसका परिवार भी हैरत में है। जिन अफसरों ने अब तक महिला की फरियाद नहीं सुनी थी, वही अधिकारी महिला के लिए विभिन्न प्रकार के फॉर्मों को खुद भरकर बीपीएल कार्ड और आय प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं। महिला का कहना है कि योगी सरकार के आने के बाद अभी अधिकारी काम कर रहे है, पहले किसी अधिकारी ने कुछ नहीं सुना।
Read Also: सीएम योगी नहीं मिटने देंगे अखिलेश की ये पहचान, अफसरों को मिली हरी झंडी