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यूपी के इंजीनियरिंग कॉलेज तोड़ रहे दम, 326 संस्थान में एक भी छात्र नहीं

यूपी के 326 इंजीनियरिंग कॉलेज में एक भी छात्र नहीं, बाकी के कॉलेजों की स्थिति काफी बदतर

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लखनऊ। तकनीकी शिक्षा पर हमेशा से युवाओं पर जोर दिया जाता है ताकि उन्हें भविष्य में बेहतर रोजगार की संभावनाएं हासिल हो सके। लेकिन उत्तर प्रदेश के तकनीकी संस्थानों की हालत देखकर आपको इस बात का अंदाजा लग जाएगा कि यहां के तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता किस स्तर की है।

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कुल 584 संस्थान

कुल 584 संस्थान

एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध संस्थानों में दाखिला लेने की तारीख लगभग खत्म होने को आई है लेकिन, लेकिन अभी भी प्रदेश में 326 ऐसे संस्थान हैं जहां एक भी छात्र ने अभी तक दाखिला नहीं लिया है। अधिकारियों का कहना है कि ये ऐसे संस्थान हैं जिसे छात्रों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिसके चलते इन संस्थानों में इस सत्र के लिए किसी भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। आपको बता दें कि यूपी में कुल 584 एकेटीयू से मान्यता प्राप्त संस्थान हैं।

134 संस्थान में महज 1-9 छात्र

134 संस्थान में महज 1-9 छात्र

पांच दौर की काउंसलिंग के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं वह काफी चिंताजनक हैं, यहां के 134 संस्थानों में एक से लेकर सिर्फ 9 छात्रों ने ही दाखिला लिया है। लखनऊ के 28 संस्थानों में एलॉटमेंट कराने के बाद भी किसी छात्र ने दाखिला नहीं लिया। वहीं 18 कॉलेज ऐसे हैं जहां एक भी छात्र ने एलॉटमेंट नहीं कराया है। तकनीकी संस्थानों की इस बुरी हालत के बारे में एक प्राध्यापक ने बताया कि छात्र पंजीकरण कराने और फीस देने के बाद भी दाखिला नहीं ले रहे हैं, इसका मतलब साफ है कि संस्थान छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं और यह काफी चिंताजनक है।

सिर्फ 34 संस्थान में 50 से अधिक छात्र

सिर्फ 34 संस्थान में 50 से अधिक छात्र

वहीं 76 संस्थान ऐसे हैं जहां 11 से छात्रों ने पंजीकरण कराया है। सिर्फ 34 ऐसे संस्थान हैं जिसमें सरकारी संस्थान भी शामिल हैं जहां 50 से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया है। ऐसे में आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यूपी में इन संस्थानों की क्या हालत है और यह किस स्तर की सुविधाएं और शिक्षा छात्रों को मुहैया करा रहे हैं।

सिर्फ 34 संस्थान में 50 से अधिक छात्र

सिर्फ 34 संस्थान में 50 से अधिक छात्र

वहीं 76 संस्थान ऐसे हैं जहां 11 से छात्रों ने पंजीकरण कराया है। सिर्फ 34 ऐसे संस्थान हैं जिसमें सरकारी संस्थान भी शामिल हैं जहां 50 से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया है। ऐसे में आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यूपी में इन संस्थानों की क्या हालत है और यह किस स्तर की सुविधाएं और शिक्षा छात्रों को मुहैया करा रहे हैं।

 दुनियाभर में कम हुआ है इंजीनियरिंग का लगाव

दुनियाभर में कम हुआ है इंजीनियरिंग का लगाव

इस बारे में एकेटीयू के वीसी विनय पाठक का कहना है कि मौजूदा समय में इंजीनियरिंग के लिए दुनियाभर के छात्रों में रुचि घटी है और यह कई देशों में देखने को मिल रहा है। छात्र मौजूदा समय में गुणवत्तापरक और रोजगार परक सोच रखते हैं, वह उन्हीं संस्थानों का रुख करते हैं जहां ट्रेनिंग और प्लेसमेंट सेल होती है, इसके साथ ही छात्र उन संस्थानों का रुख करते हैं जहां बेहतर शिक्षण का काम हो रहा है।

यूपी को सिर्फ 25-30 हजार इंजीनियर की जरूरत

यूपी को सिर्फ 25-30 हजार इंजीनियर की जरूरत

विनय पाठक ने बताया कि संस्थानों की संख्या में बढ़ोत्तरी और एक भी छात्र का दाखिला नहीं होना इस बात की ओर इशारा करता है कि जो गुणवत्तापरण शिक्षा देगा सिर्फ वहीं टिकेगा। यूपी में हर वर्ष सिर्फ 25000-30000 इंजीनियर की जरूरत होती है और वह हमें मिल रहे हैं। काउंसलिंग के जरिए सिर्फ 18000-22000 छात्र दाखिला लेते हैं, जबकि 10000 सीटें प्राइवेट कॉलेज में सीधे दाखिले से भर जाती हैं।

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English summary
Not a single student in 326 engineering colleges of Uttar Pradesh. Situation is even worst in remaining colleges.
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