सीमा पर ही नहीं आपके बेडरूम में भी चीन का दखल
सिक्किम में चीन से हुए सीमा विवाद के बाद पूरे देश में चीन के प्रति नाराजगी है। देशभर में लोग चीनी समान का बहिष्कार कर अपना विरोध जता रहे हैं।
नई दिल्ली। सिक्किम में चीन से हुए सीमा विवाद के बाद पूरे देश में चीन के प्रति नाराजगी है। देशभर में लोग चीनी समान का बहिष्कार कर अपना विरोध जता रहे हैं। लेकिन ऐसे वक्त में जब चीन भारतीय अर्थव्यवस्था, बाजार से लगाए आपके बेडरूम तक पहुंच गया हो, चीनी सामान का बहिष्कार कहां तक संभव है?
इकनॉमिक टाइम्स ने भारत चीन के व्यापारिक रिश्ते पर लिखे एक लेख में बताया कि भले ही नागरिक चीनी सामानों पर रोक की मांग कर रहे हो लेकिन सरकार ने चीनी सामानों को भारतीय बाजारों में आने की खुली छूट दे रखी है। सोलर एनर्जी क्षेत्र की बात करें तो इसमें इस्तेमान होने वाले 80 प्रतिशत पुर्जों की सप्लाई पर चीन का कब्जा है क्योंकि भारतीय व्यापारियों के उत्पाद चीन के मुकाबले 8 से 10 प्रतिशत मंहगे हैं।
दिल्ली की फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, राम कुमार यादव ने बताया कि हमारे एसोसिएशन में लगभग 1 लाख कर्मचारी है। 10 साल पहले तकत ये लोग बच्चों के खिलौने बनाते और बेचते थे लकिन आज इन सभी लोगों ने इस बनाना बंद कर दिया है। अब ये सभी सीधे चीन से खिलौने मंगाते हैं क्योंकि वो काफी ज्यादा सस्ते आते हैं।
देशों की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली संस्था क्रिसिल के अर्थशास्त्री डीके जोशी ने बताया कि सीमा पर इन दोनों देशों के बीच कितनी भी तनातनी हो, दोनों देशों के बीच व्यापार में कभी भी गिरावट देखने को नहीं मिली है। आज चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। दोनों की 71.5 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है। हालांकि इसमें चीन की हिस्सेदारी ज्यादा है। भारत चीन से लगभग 61.3 बिलियन डॉलर का सामान खरीददता है जबकि चीन सिर्फ 10.2 बिलियन डॉलर।
चीन ने लगभग दुनिया के सभी मशहूर ब्रांडो के उत्पाद की नकल की और उन्हें बेहद सस्ते दाम में बाजार में उतारा। इसकी वजह से भारत सहित दुनिया भर में चीनी सामानों की मांग बढ़ी। अभी हाल ही में बारत सरकार ने नागपुर मेट्रो रेलवे बनाने का भी ठेका चीनी कंपनी को ही दिया है।