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योगी के अभियान को मिला तकनीकी बल, अब नहीं हो पाएगी गायों की तस्करी

योगी के गौ बचाओ अभियान में तकनीक को इजात किया गया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के इन युवा इंजीनियरों ने एक ऐसी डिवाइस का अविष्कार किया है जिसपर गायों की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है।

By Gaurav Dwivedi
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वाराणसी। योगी सरकार ने यूपी में आते ही जहां अवैध बूचड़खाने पर रोक लगाई है तो वहीं गौ हत्या पर कड़ी कर्रवाई के भी आदेश दिए। अब योगी सरकार के गौ बचाओ अभियान में कुछ इंजीनियरिंग के छात्रों ने घंटी बजाई है। ये घंटी है तकनीक की जिसके जरिए उन तस्करों को मिनटों में पकड़ा जा सकता है जो गायों की चोरी कर उनकी तस्करी करते हैं। वो भी सिर्फ एक एसएमएस के जरिए।

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क्या है आविष्कार?

क्या है आविष्कार?

योगी के गौ बचाओ अभियान में तकनीक को इजात किया गया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के इन युवा इंजीनियरों ने एक ऐसी डिवाइस का अविष्कार किया है जिसपर गायों की तस्करी पर रोक लगाई जा सकती है। इस डिवाइस का नाम इन्होंने रखा है 'काऊ सेफ्टी डिवाइस' जो गाय के चोरी होने पर घंटी बजाएगी। यही नहीं गाय मालिक को उनके गायों की लोकेशन भी बताएगी। वो भी आपके मोबाइल पर।

कैसे बना ये डिवाइस?

कैसे बना ये डिवाइस?

ये डिवाइस वाराणसी के इंजीनियरिंग के छात्रों ने बनाई है, इन्हीं छात्रों में एक सत्यदीप ने बताया की इस डिवाइस को बनाने में मात्र 6 दिन का समय लगा है। दरअसल इस डिवाइस में जीपीएस मदरबोर्ड, जीपीएस एंटीना, सिमस्लॉट, स्विच, 3.7 बोल्ट की चार्जेबल बैटरी और 6 जीएसएम सिम कार्ड लगा हुआ है। जिसके साथ एक सोलर प्लेट का भी उपयोग किया है। इन सब को मिलाकर एक डिवाइस तैयार की गई जिसे एक घंटी में लगाई गई है। इस घंटी को गायों के गले में बांधने से गाय जहां भी जाएंगी उसका लोकेशन उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए या फिर लैपटॉप पर देखा जा सकता है।

क्या कहते हैं छात्र?

क्या कहते हैं छात्र?

इस प्रोजेक्ट को हेड करने वाले छात्र सत्यदीप और छात्रा शालिनी ने बताया की ऐसे डिवाइस तो बहुत बने हैं लेकिन इसमें खास है की ये डिवाइस सिर्फ गाय की चोरी होने को रोकने के लिए बनाया गया है। जिसमे खास तरह का सेंसर लगाया गया है। ये सेंसर जहां गायों का लोकेशन बताएगा तो वहीं इनकी तबियत खराब होने पर उसकी भी इंडिकेशन देगा क्योंकि इसमें लगने वाला सेंसर गायों के बॉडी के टेम्प्रेचर से जोड़ा जाएगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

इस डिवाइस के आविष्कार पर इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर आनंद मिश्र कहते हैं कि ये पूरी तरह से सुरक्षित डिवाइस है जो पृथ्वी पर किसी भी वस्तु का लोकेशन डिटेक्ट कर सकता है। इसलिए ये बेहद उपयोगी है।

कितना हो सकता है सहायक ये डिवाइस

कितना हो सकता है सहायक ये डिवाइस

तकनीक के इस युग में इन छात्रों की ये इजात भले ही एक जानवर के लिए की गई हो लेकिन फिलहाल इस वक्त सूबे में सरकार के ये उस अभियान में काफी सहायक हो सकता है जिसमें वो गायों की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कानून बना रहे हैं।

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English summary
No one will be able to smuggle cows now a technique strengthen CM Yogi misson in Varanasi
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