समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर लगी नई नेम प्लेट, मुलायम का भी नाम शामिल
समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर अब नई नेम प्लेट लग गई है। इसमें मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का पदनाम भी दिया गया है।
लखनऊ। अब मुलायम सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के संरक्षक बन गए हैं। उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय पर नई नेमप्लेट्स भी लग गई हैं। जिसमें अखिलेश यादव का पदनाम राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुलायम सिंह यादव का पदनाम संरक्षक लिखा गया है। इससे पहले सोमवार ( 16 जनवरी ) को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मुलायम सिंह यादव की नेम प्लेट पहले से ही लगी हुई थी, इस बीच अखिलेश यादव की नई नेम प्लेट भी पार्टी दफ्तर पर लगा दी गई थी। इस नेम प्लेट में अखिलेश यादव के नाम के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष लिखा हुआ था। सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल को लेकर पहले ही अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच विवाद गहराया हुआ था। दोनों ही नेताओं ने चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपनी दावेदारी पेश की थी।
इस
बीच
नेम
प्लेट
को
लेकर
नया
विवाद
सामने
आ
गया
था।
उसी
दिन
चुनाव
आयोग
ने
पार्टी
का
नाम
और
चुनाव
चिन्ह
दोनों
अखिलेश
यादव
को
सौंप
दिया।
अखिलेश
यादव
के
लिए
ये
एक
बड़ी
कामयाबी
थी।
मुलायम
सिंह
यादव
भी
पार्टी
का
चुनाव
चिन्ह
चाहते
थे।
बता
दें
समाजवादी
पार्टी
में
झगड़ा
उस
समय
बढ़ा
जब
1
जनवरी
को
राष्ट्रीय
सम्मेलन
में
अखिलेश
यादव
को
एक
धड़े
ने
पार्टी
का
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
बना
दिया।
इस
दौरान
समाजवादी
पार्टी
के
कई
बड़े
नेता
अखिलेश
यादव
के
समर्थन
में
आ
गए।
अखिलेश
यादव
गुट
की
ओर
से
दावा
किया
गया
कि
पार्टी
के
200
से
ज्यादा
विधायक
उनके
समर्थन
में
हैं।
दूसरी
ओर
अखिलेश
यादव
के
पिता
मुलायम
सिंह
यादव
ने
अखिलेश
यादव
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
बनाने
का
विरोध
किया।
उन्होंने
इसे
पार्टी
विरोधी
करार
दिया।
हालांकि
इस
पूरे
हंगामे
को
खत्म
करने
के
लिए
कई
बार
मुलायम
सिंह
यादव
और
अखिलेश
यादव
के
बीच
बैठक
भी
हुई।
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेताओं
ने
सुलह
की
कोशिशें
की।
हालांकि
मामला
नहीं
थमा।
मुलायम
सिंह
यादव
अपने
समर्थकों
के
साथ
चुनाव
आयोग
पहुंच
गए।
उन्होंने
समाजवादी
पार्टी
पर
दावा
किया
थ
साथ
ही
चुनाव
चिन्ह
साइकिल
उन्हें
मिलनी
चाहिए।
हालांकि
चुनाव
आयोग
ने
दोनों
पक्षों
को
सुना
और
इस
मामले
पर
फैसला
सुरक्षित
रख
लिया।
चुनाव
आयोग
ने
जो
फैसला
सुनाया
वो
मुलायम
सिंह
यादव
के
लिए
किसी
बड़े
झटके
से
कम
नहीं
था।
अखिलेश
यादव
की
ओर
से
दावा
किया
गया
था
कि
सपा
का
चुनाव
चिन्ह
उन्हें
मिलना
चाहिए,
क्योंकि
पार्टी
के
कई
वरिष्ठ
नेता
और
200
से
ज्यादा
विधायक
उनके
समर्थन
में
हैं।
उन्होंने
इन
विधायकों
और
नेताओं
की
पूरी
लिस्ट
भी
चुनाव
आयोग
को
सौंपी
थी।
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