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मुजफ्फरनगर: युवक की मौत के बाद भड़की हिंसा, एक समुदाय के लोग घर छोड़कर भागे

मुजफ्फरनगर में हुए दो समुदायों में हुए संघर्ष में एक युवक की मौत के बाद उत्तेजित ग्रामीणों ने पुलिस मौजूदगी में हत्यारोपी युवक के घर में घुसकर आगजनी की।

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मुजफ्फरनगर। सोमवार देर शाम मुजफ्फरनगर में हुए दो समुदायों में पथराव और फायरिंग में आज 22 वर्षीय एक युवक की मेरठ में उपचार के दौरान मौत हो गयी। आज दोपहर बाद जब मृतक का शव गांव पहुंचा तो उत्तेजित ग्रामीणों ने पुलिस मौजूदगी में हत्यारोपी युवक के घर में घुसकर ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। मृतक युवक के परिजनों ने शव को रख कर जमकर हंगामा किया। सहारनपुर के डीआईजी एस. इमैनुएल भी घटना की सुचना पाकर मुजफ्फरनगर पहुंचे और आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की बात कही।

दोनों समुदाय में क्यों हुआ झगड़ा?

दोनों समुदाय में क्यों हुआ झगड़ा?

दरअसल मामला दो संप्रदाय से जुड़ा हुआ है और मामले की शुरूआत कल शाम एक नाली के विवाद से शुरू हुई जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर पथराव हुआ और फायरिंग भी हुई फायरिंग के दौरान छत पर खड़े एक 22 वर्षीय एक युवक को गोली लग गई जिसे गंभीर हालत में मेरठ रेफर किया गया था और आज उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस मामले में आज ग्रामीण उस समय आक्रोशित हो गए जब मृत युवक के शव को गांव में लाया गया। शव को देख गुस्साई भीड़ ने आरोपी यवक के घर में घुसकर पुलिस की मौजूदगी में वहां खड़े ट्रैक्टर में आग लगा दी। इतना ही नहीं उत्तेजित ग्रामिणों ने शव रखकर जमकर हंगामा किया। घटना के बाद से लगातार गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है जिसको लेकर कई थानों की पुलिस और पीएससी, आरएएफ और सीआरपीएफ गांव में तैनात की गई है। पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है ताकि कोई बड़ी घटना ना हो जाए।

पुलिस की लापरवाही

पुलिस की लापरवाही

मुजफ्फरनगर मैं अगर ला एंड ऑर्डर की बात करें तो पिछले एक सप्ताह से मुजफ्फरनगर की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त दिखाई दे रही है। चाहे बैंक रॉबरी का मामला हो या गैंगरेप का मामला हो, पुलिस पर हमले का मामला हुआ हो या फिर नसीरपुर में हुए इस बबाल का मामला हो हर घटना में पुलिस की लापरवाही सामने उजागर हो रही है। अब नसीरपुर की इस घटना की अगर बात करें तो इसमें भी पुलिस की लापरवाही साफ दिखाई देती है क्योंकि जब दोनों पक्षों का विवाद दोपहर के समय हुआ तो पुलिस ने वहां सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल तैनात नहीं किया। अगर पुलिस बल तैनात किया जाता तो रात के समय दोबारा दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष ना होता और यह कानून व्यवस्था न बिगड़ती।

भाजपा ने 15 लाख की दी सहायता राशि

भाजपा ने 15 लाख की दी सहायता राशि

मृतक युवक के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है लेकिन मृतक के परिजन बेहद आक्रोशित हैं। मृतक के परिजनों ने आर्थिक मदद की गुहार लगाते हुए जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की है। वहीं घटना के बाद से एक समुदाय के कुछ परिवार दहशत के चलते अपने घरों को ताला लगाकर गांव छोड़कर भाग गए है। घटना स्थल पर पहुंचे भाजपा विधायक प्रमोद ऊंटवाल ने बताया है की आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी साथ ही मृतक के परिजनों 15 लाख रूपये की सहायता राशि शासन स्तर से दिए जायेंगे।

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English summary
Muzaffarnagar: communal Violence after the death of the young man, arson
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