मुस्लिम परिवार ने शनि भगवान से मांगी थी मन्नत, पूरी होने के बाद घर मे बनवाया मंदिर
यूपी के आगरा में शनि जयंती के अवसर पर एक मुस्लिम परिवार ने अपनी मन्नत पूरी करने के लिए अपने घर में शनि देव और साईं बाबा की मूर्तियां स्थापित करवाई।
आगरा। रमजान के पाक माह से पहले मोहब्बत की नगरी आगरा में 2 धर्मों का अनोखा मिलन देखने को मिला। शनि जयंती के अवसर पर एक मुस्लिम परिवार ने अपनी मन्नत पूरी करने के लिए अपने घर में शनि देव और साईं बाबा की मूर्तियां स्थापित करवाई। पूजा के साथ विधिवत स्थापना हवन आदि के साथ सभी तरह की रस्में निभाते हुए अपने घर को मंदिर बना दिया। सबसे बड़ी बात ये देखने को मिली कि पूरे मोहल्ले में 40 परिवार मुस्लिम और 2 परिवार हिन्दू है।
6 साल पहले तबीयत खराब होने पर मांगी थी मन्नत
थाना न्यू आगरा कि भगवान टॉकीज के पास स्थित संजय नगर में आज से 35 साल पहले मुन्नी बेगम शादी करके आई थी। मुन्नी बेगम ने बताया कि पहले पति की मृत्यु के बाद उन्होंने एक हिंदू युवक किशनलाल से शादी कर ली जिसके बाद किशन लाल ने अपना नाम सलीम रख लिया। मुन्नी ने विवाह के बाद किशन लाल को समझाया और दोनों धर्मों को बराबर से मानने की बात कही दोनों हिंदू और मुस्लिम के सभी त्योहार बराबरी से मनाते हैं। मुन्नी बेगम के अनुसार 6 साल पहले उनकी तबीयत बहुत खराब हो गई थी, दवा के लिए सिकंदरा जाने के समय किसी के कहने पर रुनकता स्थित प्राचीन शनि मंदिर पहुंच गई और वह अपने स्वास्थ्य की मन्नत मांगी।
मन्नत पूरी होने पर घर लाए मूर्ति
मन्नत पूरी होने पर शनि भगवान की वह मूर्ति अपने घर पर लगाने की बात कहकर वह वापस आ गई। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार आ गया और उनकी आस्था शनि देव में हो गई ऐसा ही कुछ सलीम उर्फ किशन के साथ भी हुआ उन्होंने अपने गिरे हुए रोजगार में उन्नति के लिए राह चलते साईं बाबा से मन्नत मांगी थी जो पूरी होने के बाद उन्हें साईं मूर्ति की स्थापना करवाई। मुन्नी और सलीम दोनों ही नमाज भी पढ़ते हैं और रोजे भी रखते हैं साथ ही यह प्रथा उनके छह बेटे और पांच बेटियां भी निभाते हैं। मोहल्ले में गणपति और नव दुर्गा के पंडाल भी लगते हैं और ईद और बकरीद पर नमाज और कुर्बानी भी होती है।
यहां हिंदू-मुस्लिम मिलजुल कर रहते हैं
पूरे मोहल्ले में करीब 40 मुस्लिम और 2 हिंदू परिवार हैं। हिंदू परिवार की माने तो यहां कभी हिंदू मुस्लिम का झगड़ा नहीं होता और सब मिलकर रहते हैं ।कई साल से हिंदू लोग मंदिर बनवाने के लिए प्रयास में थे लेकिन एक मुस्लिम महिला मुन्नी बेगम के सहयोग से यहां मंदिर बना । वहीं मूर्ति स्थापना करवाने वाले पुजारी ओमप्रकाश ने बताया कि हिन्दू मुस्लिम कुछ नही होता भक्त भक्त होता है भक्त की कोई जाट बिरादरी नही होती ।ये ऐसे उदाहरण है जो सिद्ध करते है कि आगरा को ऐसे ही गंगा जमुनी तहजीब उर सद्भाव और मोहब्बत की नगरी नही कहा जाता।