बेटे अखिलेश के हाथों पार्टी छिनने के बाद पहली बार ये बोले मुलायम सिंह यादव
समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने 5 जनवरी को बुलाए अपने अधिवेशन को स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही वो शिवपाल के साथ दिल्ली जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि वो निर्वाचन आयोग का रुख करेंहे।
लखनऊ। बेटे अखिलेश के हाथों पार्टी छिनने के बाद मुलायम सिंह यादव ने पहली बार पत्रकारों से बात की। इस दौरान समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि मेरा स्वास्थ्य एकदम ठीक है और मैं अस्वस्थ्य नहीं हूं। लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए मुलायम ने कहा कि मीडिया ने हमेशा मेरा साथ दिया है। मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया और इल्जाम लगा भी तो सर्वोच्च न्यायालय ने मुझे बरी कर दिया। इससे पहले सोमवार सुबह जानकारी मिली कि मुलायम सिंह की 5 जनवरी को बुलाए गए अधिवेशन को स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी पार्टी के उत्तर प्रदेश की इकाई के अध्यक्ष रहे शिवपाल सिंह यादव ने सोमवार सुबह दी। हालांकि इस फैसले की फिलहाल कोई वाजिब वजह नहीं बताई गई। सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह की खराब तबीयत की वजह से इस अधिवेशन को स्थगित किया गया है, वहीं मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि अखिलेश और मुलायम के बीच फिर से सुलह कराने की कोशिश की जा रही है इसलिए यह अधिवेशन स्थगित किया गया है। पार्टी में इस परिवर्तन ने के बाद मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव दिल्ली जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि ये दोनों निर्वाचन आयोग के कार्यालय जाकर पार्टी की मौजूदा स्थिति से आयोग को अवगत कराएंगे।
बता दें कि रविवार (1 जनवरी) को पार्टी के महासचिव रहे रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए अधिवेशन में सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बनाया गया। मगोपाल यादव ने अधिवेशन में 4 प्रस्ताव रखे। इन प्रस्तावों में अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए, मुलायम सिंह यादव को पार्टी का सर्वोच्च रहनुमा माना जाए, शिवपाल यादव को यूपी की सपा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव रखा गया। ये चारों प्रस्ताव सर्वसम्मित से पास कर दिए गए। हालांकि इस अधिवेशन के शुरू होने से पहले पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने एक पत्र जारी कर कहा कि यह असंवैधानिक है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा नेताओं के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लेने के बाद सीएम ने नरेश उत्तम को पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष घोषित कर दिया था। इस अधिवेशन के पूरा हो जाने के बाद पार्टी में महासचिव पद पर रहे रामगोपाल यादव को मुलायम सिंह याद ने 6 साल के लिए फिर से निष्कासित कर दिया। ये भी पढ़ें: समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव ने कहा- मैंने जो किया वह कठिन फैसला था