अखिलेश के बगावती तेवर थामने के लिए शिवपाल, मुलायम को याद आया 'महागठबंधन'
समाजवादी पार्टी की रार अब नए रास्ते पर मुड़ सकती है। मुलायम ने फिर से महागठबंधन को बनाने का काम शुरू कर दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की रार अब नई राह पर चलने की ओर है।
बेटे अखिलेश यादव के बगावती तेवर को थामने के लिए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले 'महागठबंधन' को साथ लाना चाहते हैं।
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इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के मुखिया अजीत सिंह से फोन पर बात की और समर्थन मांगा।
शिवपाल ने भी किया फोन
इतना ही नहीं खुद शिवपाल यादव ने जनता दल यूनाइटेड के एक वरिष्ठ नेता से फोन पर बात की और कहा कि पार्टी को बचाने का सिर्फ एक ही रास्ता कि नेता जी (मुलायम सिंह) अखिलेश से सत्ता वापस ले लें।
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सूत्रों के अनुसार कथित तौर पर शिवपाल ने कहा है कि 'नेता जी को अब आगे आना ही होगा। अगर नेता जी मुख्यमंत्री नहीं बने तो न पार्टी बचेगी और न ही सरकार।'
इसके साथ ही मुलायम और शिवपाल ने महागठबंधन के नेताओं को फोन कर दावा कर रहे हैं कि अखिलेश समर्थक रामगोपाल यादव ने बिहार चुनाव से पहले गठबंधन योजना को बर्बाद किया था।
कांग्रेस के पास भेजे लोग
सपा मुखिया मुलायम सिंह ने कांग्रेस की मर्जी जानने के लिए अपने लोग भेजे हैं। हालांकि इस मुद्दे पर सपा अब तक अपनी राय नहीं बना पाई है।
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सूत्रों के अनुसार रामगोपाल ने भी ऐसी किसी हालात से निपटने के लिए कांग्रेस के पास अपने लोग भेजे हैं कि वे अखिलेश का समर्थन करेंगे या नहीं।
यह भी कहा जा रहा है कि कई वरिष्ठ और पुराने समाजवादी नेता चाहते हैं कि अखिलेश को हटाकर मुलायम खुद सब कुछ संभाले।
रविवार को शिवपाल ने पत्रकारों को बताया था कि वो मुलायम सिंह के नेतृत्व में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
अखिलेश पर यह आरोप
दूसरी ओर मुलायम समर्थकों का दावा है कि अखिलेश ने बिना मुलायम और शिवपाल की फोटो के पोस्टर तैयार कराए हैं।
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साथ ही कुछ सपा नेताओं ने अखिलेश पर आरोप लगाया है कि वो अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और 'मेरा परिवार उत्तर प्रदेश' सरीखी पंचलाइन भी तैयार की है।
वरिष्ठ समाजवादी नेताओं का मानना है कि मुलायम सिंह यादव को आगे आकर वोट मांगना चाहिए।
उनका कहना है कि 'पक्के समाजवादी मतदाता' पुराने पहलवान का साथ जरूर देंगे। उनका मानना है कि वो मुस्लिम मतदाताओं में भी अपनी पकड़ बनाए हुए हैं।