मेरठ: नहीं मिली एंबुलेंस, अस्पताल के बाहर रातभर बेटी की लाश के साथ बैठी रही महिला
मेरठ। सरकार के तमाम दावों की पोल एक बार फिर खुल गई। गोद में मरी हुई बेटी को लिए महिला एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाती रही, एंबुलेंस ड्राइवरों के सामने मिन्नतें करती रही लेकिन सब ने उसे घर तक ले जाने से इनकार कर दिया।
घटना यूपी के मेरठ जिले की है। बागपत के निवादा गांव की रहने वाली इमराना अपनी बीमार बेटी के इलाज के लिए मेरठ आई थी। उसने बेटी को पीएल शर्मा जिला अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार रात उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इमराना ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत हो चुकी थी।
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एंबुलेंस
ड्राइवर
ने
मांगे
2500
रुपये
बेटी
की
मौत
से
परेशान
इमराना
ने
घर
वापस
लौटने
के
लिए
एंबुलेंस
की
तलाश
शुरू
की।
उसने
कहा,
'मैंने
लगातार
अस्पताल
के
एंबुलेंस
ड्राइवर
से
मिन्नतें
कीं
कि
वह
मुझे
घर
छोड़
आए
लेकिन
वह
दूसरे
जिले
में
न
जाने
की
बात
कहकर
मना
करता
रहा।
उसने
चलने
की
एवज
में
2500
रुपये
भी
मांगे।'
इमराना
ने
कहा
कि
वह
गरीब
परिवार
से
है,
और
उसके
पास
इतने
पैसे
नहीं
है
कि
वह
एंबुलेंस
के
लिए
2500
रुपये
खर्च
कर
सके।
बेटी
की
लाश
के
साथ
रातभर
बैठी
रही
जिला
अस्पताल
से
मदद
की
उम्मीद
में
उसने
एक
एंबुलेंस
ड्राइवर
को
200
रुपये
दिए
और
अस्पताल
पहुंची
लेकिन
वहां
भी
एंबुलेंस
ड्राइवरों
ने
उसे
ले
जाने
से
मना
कर
दिया।
थक
हार
कर
वह
अस्पताल
के
बाहर
ही
बेटी
की
लाश
के
साथ
रात
बिताने
को
मजबूर
हुई।
अगली
सुबह
स्थानीय
वाहनों
के
जरिए
वह
घर
पहुंची।
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डीएम
बोले-
कराएंगे
जांच
मेरठ
के
डीएम
जगतराज
त्रिपाठी
ने
कहा,
'मामला
संज्ञान
में
नहीं
आया
है,
लेकिन
हम
इसकी
जांच
के
आदेश
देंगे।
जो
भी
दोषी
पाया
जाएगा
उस
पर
कार्रवाई
होगी।
मैं
सीएमओ
और
अन्य
संबंधित
अधिकारियों
से
भी
बात
करूंगा
ताकि
भविष्य
में
ऐसी
घटनाएं
न
हों।'