बाहुबली विधायक विजय मिश्रा का 'मस्त' बीजेपी याराना
भदोही जिले की राजनीति में वीरेंद्र सिंह मस्त और बाहुबली विजय मिश्रा का बड़ा राजनीतिक कद है।
भदोही। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले भदोही की सियासत में नया राजनीतिक समीकरण बनने लगा है। विरोधी कहे जाने वाले सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और ज्ञानपुर से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की बढ़ती नजदीकियों से तेजी से राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं। सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के स्वदेशी आश्रम पर आयोजित हरि कीर्तन एवं भंडारे में जिस तरीके से इन दोनों नेताओं के बीच 'याराना' देखने को मिला, उसे लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। राजनीतिक पंडितों की माने तो आने वाले लोकसभा चुनाव में मस्त और विजय मिश्रा की जुगलबंदी विरोधियों पर भारी पड़ सकती है।
लोकसभा चुनाव में बन सकते हैं नए समीकरण
भदोही जिले की राजनीति में वीरेंद्र सिंह मस्त और बाहुबली विजय मिश्रा का बड़ा राजनीतिक कद है। विजय मिश्रा जहां लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। सपा से निष्कासन के बाद विजय मिश्रा ने खुलेआम सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को चुनौती दी। विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के लाख चाहने के बाद भी सपा विजय मिश्रा को चुनौती नहीं दे पाई। वहीं वीरेंद्र सिंह मस्त तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। मोदी सरकार में उन्हें भारतीय किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया। कुछ समय पहले तक इन दोनों नेताओं में कभी सीधी अदावत तो नहीं रही लेकिन बेहतर संबंध भी नहीं थे। लोकसभा चुनाव के दौरान वीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ सपा की ओर से विजय मिश्रा की बेटी सीमा मिश्रा चुनाव लड़ी थीं, लेकिन मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
भंडारे में लाव-लश्कर के साथ पहुंचे बाहुबली विजय मिश्रा हाल के दिनों में विजय मिश्रा और बीजेपी के बीच रिश्तों में नई गर्माहट देखी जा रही है। विजय मिश्रा न सिर्फ योगी सरकार का समर्थन करते दिख रहे हैं बल्कि विधानसभा के अंदर भी उन्होंने पिछली सपा सरकार की पोल खोलते हुए योगी सरकार की तारीफ की थी। वहीं बीजेपी भी विजय मिश्रा को गले लगाने को तैयार दिख रही है। पिछले दिनों सीएम योगी के मिर्जापुर दौरे के दौरान जिस तरीके से विजय मिश्रा को तवज्जो दी गई, उससे संकेत साफ मिलने लगे थे। इस बीच स्थानीय सांसद के यहां आयोजित कार्यक्रम में भी विजय मिश्रा पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचे। जिला पंचायत अध्यक्ष काजल यादव और कई ब्लॉक प्रमुख भी विजय मिश्रा के साथ पहुंचे थे।