उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

बूचड़खानों पर 'योगी-एक्शन', विरोध में हड़ताल पर गए मीट कारोबारी

मीट की कमी के चलते मांसाहारी व्यंजन परोसने वाले मशहूर रेस्टोरेंट टुंडे कबाबी और रहीम रेस्टोरेंट भी प्रभावित हो रहे हैं।

By Dharmender Kumar
Google Oneindia News

लखनऊ। यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी फुल एक्शन मोड में हैं। वहीं, अवैध तरीकों से चल रहे बूचड़खानों पर कार्रवाई के विरोध में मीट विक्रेताओं ने आज से हड़ताल का ऐलान किया है। आपको बता दें कि लखनऊ में पहले से ही मीट की ज्यादातर दुकानें बंद चल रही हैं।

मछली कारोबारियों का भी हड़ताल को समर्थन

मछली कारोबारियों का भी हड़ताल को समर्थन

लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मंडल के पदाधिकारी मोबीन कुरैशी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। हड़ताल को मछली कारोबारियों ने भी अपना समर्थन दिया है। भैंस के मीट की कमी के चलते मांसाहारी व्यंजन परोसने वाले मशहूर रेस्टोरेंट टुंडे कबाबी और रहीम रेस्टोरेंट भी प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा है कि केवल अवैध रूप से चल रहे बूचड़खानों पर ही सरकार कार्रवाई कर रही है। कानूनी रूप से वैध बूचड़खानों को किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है।

'लोग सोशल मीडिया की अफवाहों पर ध्यान ना दें'

'लोग सोशल मीडिया की अफवाहों पर ध्यान ना दें'

इस बीच यूपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी कहा कि केवल गैरकानूनी रूप से चल रहे बूचड़खानों को ही बंद कराया गया है। उन्होंने कहा कि कानूनी रूप से वैध बूचड़खाने यदि नियमों का पालन करते रहेंगे तो उनपर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने मुर्गे और अंडे की दुकानों को बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है। लोगों को सोशल मीडिया के जरिए फैल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

शनिवार को लखनऊ में थी हड़ताल

शनिवार को लखनऊ में थी हड़ताल

गौरतलब है कि यूपी में नई सरकार आने के साथ ही लखनऊ जोकि अपने जायके के लिए जाना जाता है, उसे अब मुश्किल का दौर देखना पड़ रहा है। शनिवार को लखनऊ के 5000 मांस विक्रेताओं के हड़ताल पर जाने से मीट मिलना मुश्किल हो गया। इससे पहले लखनऊ के मशहूर टुंडे कबाब और मुबीन को भी मीट की कमी के चलते अपनी दुकान एक दिन के लिए बंद करनी पड़ी थी।

रोजी-रोटी पर खड़ा हुआ संकट

रोजी-रोटी पर खड़ा हुआ संकट

मीट कारोबारियों की एसोसिएशन का कहना है कि लाइसेंस के लिए कई डीलरों ने आवेदन किया है लेकिन 2010 से आजतक इन आवेदनों पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। हम मजबूरन बिना लाइसेंस के मीट बेच रहे हैं, क्योंकि लखनऊ नगर निगम हमें लाइसेंस नहीं दे रहा है, हमारा वैध व्यापार अवैध हो गया है। ऐसे में जिस तरह से मौजूदा सरकार कदम उठा रही है उससे हमारी रोजी-रोटी पर दिक्कतें आ रही हैं। ये भी पढ़ें- साल भर मांस खाना बंद कर दो फिर देखो कैसे बूचड़खाने बंद होते हैं: मदनी

Comments
English summary
Meat sellers on strike in protest against action on slaughterhouses.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X