काशी: मौनी अमावस्या पर गंगा में स्नान और दान करने आए हजारों लोग
मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद दान का भी विधान है। शुक्रवार को घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।
वाराणसी। अमावस्या तो हर महीने पड़ती है लेकिन माघ मास की अमावस्या का अपना एक अलग ही महात्म्य है। वाराणसी के घाटों पर माँ गंगा में डुबकी लगाने के लिये हजारों श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ता है। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या का पावन पर्व ऋषियों के काल से चला आ रहा है। इस दिन दान और स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
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गंगा-स्नान
से
मिलता
है
पुण्य
काशी
के
पुरोहित
लाली
पाण्डेय
ने
बताया
की
मौनी
अमावस्या
के
दिन
मौन
रह
कर
सूर्य
उदय
से
पहले
जब
आकाश
में
लालिमा
हो
तो
संकल्प
लेना
चाहिए
और
इस
समय
पावन
तीर्थों
में
स्नान
करने
से
हर
मनोकामना
की
पूर्ति
होती
है।
शुक्रवार
को
मौनी
अमावस्या
के
पावन
दिन
गंगा
घाटों
पर
हजारों
श्रद्धालुओं
ने
गंगा
में
डुबकी
लगायी।
काशी
में
स्नान
और
दान
करते
हैं
लोग
मौनी
अमावस्या
के
दिन
स्नान
के
बाद
दान
का
भी
विधान
है।
इस
दिन
तिल
का
दान
करना
चाहिए
जिससे
यश
में
वृद्धि
होती
है।
मौन
रहने
से
मन,
गंगा
स्नान
से
तन
और
दान
करने
से
धन
की
शुद्धि
होती
है।
काशी
में
वैसे
तो
स्नान-दान
का
अपना
एक
अलग
ही
महात्म्य
है
लेकिन
पुण्यकाल
में
मोक्षदायिनी
गंगा
में
डुबकी
लगाने
से
जन्म-जन्मान्तर
के
पापों
से
मुक्ति
मिल
जाती
है।
इस
बार
का
मौनी
अमावस्या
है
खास
माघ
मास
की
सबसे
पुण्य
तिथि
मौनी
अमावस्या
पर
श्रद्धालु
बाबा
विश्वनाथ
की
नगरी
काशी
पहुंचे।
भक्तों
ने
काशी
में
माता
गंगा
की
अविरल
धारा
में
डुबकी
गयी
और
पूजन-अर्चना
भी
की।
माना
जाता
है
कि
माघ
मास
में
सबसे
पुण्य
तिथि
और
नक्षत्र
होता
है
और
इस
बार
के
ग्रह
और
गोचर
कई
सदियो
के
बाद
ये
बताते
हैं
कि
आज
का
दिन
खास
है
जहाँ
24
घण्टे
से
ज्यादा
मौनी
अमावस्या
की
तिथि
रहेगी।
क्या
कहते
हैं
ज्योतिषी
ज्योतिषी
पण्डित
दीपक
मालवीय
ने
बताया
की
मौनी
अमावस्या
बड़ा
की
पुनीत
दिन
माना
जाता
है
और
पूरे
वर्ष
में
माघ
ही
एक
मास
होता
हैं
जब
सबसे
ज्यादा
मांगलिक
कार्य
वास्तु
स्थिति
और
गृह
प्रवेश
शुभ
माना
जाता
हैं।
साथ
ही
इस
समय
कल्पवास
भी
किया
जाता
है।
साथ
ही
मौनी
अमावस्या
एक
ऐसा
अवसर
होता
हैं
कि
जब
गंगा
स्नान
करने
कर
सकारात्मक
ऊर्जा
के
साथ
तमाम
पापों
से
मुक्ति
मिलती
हैं।
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