भाजपा सांसद के गोद लिए गांव में दाने-दाने को मोहताज हुआ आदमी
भाजपा सांसद ने जिस गांव को गोद लिया है वहां एक शख्स भुखमरी के कगार पर है और कोई जनप्रतिनिधि या अधिकारी उसकी खोज-खबर लेनेवाला नहीं।
बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा-चित्रकूट सांसद के गोद लिए गांव कटरा (कालिंजर) के दिव्यांग की किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने खैर-खबर नहीं ली, वह अब भी दाने-दाने को मोहताज है।
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गले में आधार कार्ड लटकाकर मांंग रहा भोजन
23 साल की उम्र गुजार चुका दीपक सोनकर हाथ-पैर से बेकार है, वह घिसट कर चलता है। सरकारी मदद के नाम पर उसे सिर्फ अभी हाल ही में पेंशन नसीब हुई है। इस संवाददाता को दिव्यांग दीपक ने रविवार को बताया कि ‘उसके बाबा के नाम करीब पांच बीघे कृषि भूमि है, चाचा चार भाई हैं। हर भाई के हिस्से में एक बीघे भूमि ही आती है।' वह बताता है कि ‘इस गांव को सांसद भैरव प्रसाद मिश्र गोद लिए हुए हैं। कई बार उनसे भी मदद की गुहार की गई थी, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।' उसने बताया कि ‘वह भूख मिटाने के लिए गले में आधार कार्ड की प्रति लटकाए घूमता है, तब कहीं ग्रामीण उसे बासी-तेवासी रोटी देते हैं।'
सांसद, विधायक से कोई मदद नहीं मिली
इस दिव्यांग की मां रुकमिन बताती है कि ‘परिवार की माली हालत ठीक नहीं है, पति गांव के लंबरदारों के घरों मेहनत-मजदूरी कर किसी तरह दो वक्त की रोटी का इंतजाम करता है, उसके दो बेटे और तीन बेटियां हैं।' दीपक के पिता शिवचरन का कहना है कि ‘गांव में अक्सर अधिकारियों का आना-जाना है, क्योंकि सांसद इस गांव को गोद लिए हैं। फिर भी कोई मदद नहीं मिल रही है।' उसने बताया कि ‘गुरुवार को सांसद, विधायक और जिले के जिम्मेदार सभी अधिकारी गांव आए हुए थे, उस समय भी दिव्यांग बेटे के साथ उनकी चौखट में पहुंचा था।'
डीएम ने मामले पर दिया बेतुका जवाब
भाजपा
विधायक
कबीर
से
जब
इस
दिव्यांग
की
मदद
के
बारे
में
पूछा
तो
उनका
कहना
था
कि
‘भाजपा
ने
‘सबका
साथ,
सबका
विकास'
के
एजेंड़े
पर
चुनाव
लड़
कर
राज्य
में
सरकार
बनाई
है,
इस
दिव्यांग
की
मदद
के
लिए
वह
हर
संभव
प्रयास
करेंगे।'
सांसद
प्रतिनिधि
दादा
दिलीप
राजपूत
ने
बताया
कि
‘दिव्यांग
गुरुवार
को
सांसद
के
समक्ष
पेश
होकर
अपनी
बीती
सुनाई
थी,
उन्होंने
वहां
मौजूद
मुख्य
विकास
अधिकारी
हर
संभव
मदद
का
निर्देश
दिया
है।
यदि
उनके
निर्देश
के
बाद
भी
मदद
नसीब
नहीं
हुई
तो
अधिकारियों
के
खिलाफ
कड़ी
कार्रवाई
कराई
जाएगी।'
प्रभारी
जिलाधिकरी/अपर
जिलाधिकारी
गंगाराम
गुप्ता
से
जब
दिव्यांग
की
मदद
के
बारे
में
पूछा
गया
तो
उन्होंने
बेतुका
जवाब
दिया।
उनका
कहना
था
कि
‘जब
कोई
आएगा,
तभी
तो
मदद
की
जाएगी।
इसके
बारे
में
सीडीओ
से
पूछो।'
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