यूपी चुनाव: पूर्वांचल की कई सीटों पर बाहुबलियों की किस्मत का होगा फैसला
पूर्वांचल में सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस जैसे सियासी दलों तक मजबूत पकड़ रखने वाले ज्यादातर बाहुबली इस बार अपने दम पर चुनाव मैदान में हैं और अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं।
मिर्जापुर। यूपी विधानसभा के अंतिम चरण में पूर्वांचल के जिलों का भाग्य तय होना है। यूपी के अधिकांश बाहुबली पूर्वांचल से ही आते हैं। अंतिम चरण के चुनाव में अधिकांश बाहुबलियों की साख दाव पर लगी है। कई बाहुबली बड़ी पार्टियों को किनारा करने के बाद अपने दम पर छोटे दलों से चुनाव मैदान में हैं। पूर्वांचल की कई चर्चित सीटों पर बाहुबलियों का प्रभाव आज भी कायम है। ऐसे में उन्हें टक्कर देना किसी के लिए आसान बात नहीं होगी! जानिए कि किन इलाको में इन बाहुबलियों का डंका बजता है।
पूर्वांचल में सपा, बसपा, भाजपा और कांग्रेस जैसे सियासी दलों तक मजबूत पकड़ रखने वाले ज्यादातर बाहुबली इस बार अपने दम पर चुनाव मैदान में हैं। बाहुबली जहां अपनी सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त हैं तो आसपास की सीटों पर भी अपने चहेतों की जीत को लेकर दावा कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये देखने को मिल रही है कि इस बार के चुनाव में किसी एक दल की लहर दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही है। ऐसे में बाहुबली इस बात को लेकर आश्वस्त हो गए हैं कि उनकी और उनके चहेतों की जीत तकरीबन तय है।
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सपा से किनारा 'निषाद पार्टी' से मैदान में बाहुबली विजय मिश्र
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भदोही के ज्ञानपुर से सपा से तीन बार के बाहुबली विधायक विजय मिश्र का टिकट कटने के बाद वे निषाद पार्टी से मैदान में हैं। परिषद चुनाव में अपनी पत्नी और भदोही की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामलली मिश्र को महज दस दिनों के प्रयास में ही मिर्जापुर-सोनभद्र सीट से चुनाव जिताकर विजय मिश्रा अपने दमखम को सबित कर चुके हैं। साथ ही ये भी संदेह दे दिया है कि फिलहाल सियासी दौड़ में वो पूर्वांचल में नंबर वन डॉन हैं। विधानसभा चुनाव में भी उनकी मजबूत स्थिति को देखते हुए बाहुबली विजय मिश्र को हराने के लिए अखिलेश यादव उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव ने चुनावी जनसभा की। साथ ही कई बड़े समाजवादी नेताओं ने डेरा डाल दिया।
हॉट सीट 'सैयदराजा' से प्रत्याशी डॉन बृजेश के भतीजे सुशील
डॉन से माननीय बने बृजेश सिंह के भतीजे सकलडीहा से विधायक सुशील सिंह इस बार भाजपा के टिकट पर पूर्वांचल की सबसे हॉट सीट सैयदराजा से प्रत्याशी है। इस सीट पर डॉन बृजेश सिंह माननीय बनने के बाद अब अपनी पत्नी अन्नपूर्णा को विधानसभा चुनाव में उतारने की कोशिश में लगे थे वहीं उनके भतीजे को टिकट मिला। यहां पर उनकी टक्कर बसपा के बाहूबली विनीत सिंह और सपा के मनोज सिंह से है।
मुख्तार अंसारी की होगी अग्नि परीक्षा!
कौमी एकता दल के जरिए पूर्वांचल में अपनी ताकत बढ़ाने वाले मुख्तार अंसारी की इस विधानसभा चुनाव में अग्नि परीक्षा होनी है। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच कौमी एकता दल के विलय पर विवाद देखा जा चुका है। जिसके बाद चुनाव के अंतिम वक्त पर अंसारी बंधुओं ने बसपा का दामन थाम लिया। मुख्तार अपने भाई अफजाल के साथ मऊ और गाजीपुर जिले में खासा प्रभाव रखते हैं और दो से तीन सीट अपनी झोली में डालने का माद्दा रखते है। यही कारण है कि बाहुबलियों का विरोध करने वाली मायावती ने इनको शामिल करने कासियासी मौका नहीं चूका।
'सैयदराजा' पर जेल से किस्मत आजमा रहे हैं बसपा के विनीत सिंह
बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंच रखने वाले पूर्व एमएलसी विनीत सिंह चंदौली कि सैयदराजा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट पर डॉन बृजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह और सपा के मनोज सिंह से इनकी कड़ी टक्कर है। विनीत ने मिर्जापुर-सोनभद्र विधान परिषद चुनाव में सपा कि रामलली मिश्रा के सामने अपने भाई त्रिभुवन सिंह को चुनाव मैदान में उतरा था। लेकिन इससे पहले उनकी पत्नी ने सत्ता का चुनाव कहे जाने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत जरायम की दुनियां में अपना लोहा मनवाया। इस हार के बाद ही सपा ने एमएलसी के चुनाव में बाहुबली विजय मिश्र की पत्नी को टिकट दिया था। मुख्यमंत्री पर विवादित पोस्ट और अन्य मामले में विनीत सिंह रांची जेल में बंद है। जेल से ही नामांकन करने के बाद वो जनता से इमोशनल अपील कर रहे हैं।
माफिया मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा मड़ियाहूं से किस्मत आजमा रही हैं
पूर्वांचल के जौनपुर जिले की मड़ियाहूं सीट से माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) से मैदान में हैं। बजरंगी क्राइम की दुनिया का वो चेहरा है जिसकी हनक आज भी कायम है। वो पहले भी सदन में जाने का प्रयास कर चुके हैं। हालांकि अभी तक वो कामयाब नहीं हो सके हैं।
बाहुबली धनंजय की कैसे गलेगी दाल?
बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह जौनपुर जिले से हाथी की सवारी नहीं कर पाएंगे। बसपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय बसपा के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के सहारे इलाहाबाद में बसपा की जनसभा में मंच पर तो पहुंच गए थे लेकिन उन्हें तरजीह नहीं मिली। मायावती के मंच पर आने के बाद वो मंच पर नजर ही नहीं आए। बसपा से टिकट नहीं मिलने पर धनंजय निषाद पार्टी से मल्हानी सीट के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं मल्हानी सीट से सपा के लिए विधायक पारसनाथ यादव लगातार चुनाव लड़ रहे हैं।
अखिलेश के कारण अतीक को नहीं मिला मौका
मुलायम सिंह ने इलाहाबाद के बाहुबली अतीक अहमद को कानपुर से टिकट दिया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मना करने के बाद इस बाहुबली को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। उल्टा अतीक अहमद पर यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़ का मामला तूल पकड़ता चला गया। उनके करीबियों का हथियार लाइसेंस भी निरस्त हो गया।
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