यूं ही नहीं हैं महिलाएं आगे, तस्वीरें बता रही हैं कितना बड़ा है पुलिस वाली का दिल
तमाशबीन तो बहुत थे लेकिन नवजात को जीवन देने वाला कोई नहीं दिखा। ऐसे में महिला थाना अध्यक्ष कनकलता दुबे और एसआई कमलेश गौतम ने बच्ची को जिंदगी देने का फैसला लिया और नवजात को अपनी ममता की छांव दी।
हरदोई। एक मां ने ममता के रिश्ते को कलंकित किया तो दूसरी ओर खाकी में छुपी एक ममता ने लावारिस नवजात बच्ची को अपने आंचल की छांव देकर गले से लगा लिया। 9 महीने तक अपने पेट में रखने के बाद एक मां ने अपने जिगर के टुकड़े को खुद से अलग क्यों किया होगा ये तो पता नहीं, लेकिन नवजात बच्चों को फेंकना ममता को कलंकित करता है। इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता लेकिन किसी नवजात को जीवन देने से बड़ा कोई और पुण्य भी नहीं होगा। जिसे महिला थाने की सब इंस्पेक्टर कमलेश ने कर दिखाया है।
दरअसल कोतवाली सिटी के इलाके में स्थित रामजानकी मंदिर में दो दिन की नवजात बच्ची के मिलने से सनसनी मच गई। किसी महिला ने नवजात को मंदिर में छोड़ दिया और चली गई। जब इस बात कि जानकारी आसपास के लोगों को हुई तो मौके पर भारी भीड़ जुट गई। तमाशबीन तो बहुत थे लेकिन नवजात को जीवन देने वाला कोई नहीं दिखा।
ऐसे में महिला थाना अध्यक्ष कनकलता दुबे और एसआई कमलेश गौतम ने बच्ची को जिंदगी देने का फैसला लिया और नवजात को अपनी ममता की छांव दी। नवजात की देखभाल के लिए पूरे महिला थाने का स्टाफ जी जान से जुटा हुआ है। बच्ची को महिला थाना अध्यक्ष कनकलता दुबे ने जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया है।
Read more: इलाहाबाद: ऐसी जगह लिखा आत्महत्या का राज कि ढूंढते ही रह गए प्यार के दुश्मन!