उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

मोदी की काशी में है ऐसा भवन जहां रहकर लोग करते हैं मौत का इंतजार

काशी के मुमुक्षु भवन में मुक्ति की इच्छा रखनेवाले लोग आकर रहते हैं। उनके लिए यहां रहने की अच्छी व्यवस्था है। काशी के इस अनोखे भवन के बारे में जानिए।

By Rajeevkumar Singh
Google Oneindia News

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक ऐसा भवन है, जहां रहनेवाले लोग कई सालों से अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं। क्या गरीब और क्या अमीर, सभी की एक ही इच्छा है कि काशी आये हैं तो अब यहीं रह कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन करें और मुक्ति के बाद यहीं के महाश्मशान पर पुराणों की मान्यता के अनुसार भगवान शिव से तारक मंत्र लेकर मोक्ष को प्राप्त करें। यहां अफसर, इंजीनियर, अध्यापक, डॉक्टर, प्रोफेसर और बड़े पदों पर रह चुके लोग रह रहे हैं। इनकी एक ही इच्छा है कि बस जीवन की अंतिम यात्रा को काशी में ही समाप्त करनी है। तो आइये मिलते हैं ऐसे ही कुछ परिवार से। Read Also: आपके नोटों को कोई चुराकर भागेगा तो आपको पता चल जाएगा, जानिए कैसे?

काशी में ही मौत का इंतजार क्यों?

काशी में ही मौत का इंतजार क्यों?

ये हैं डॉक्टर अवतार शर्मा, जो पत्नी वेंकटरमन अम्मा (आंध्र प्रदेश ) के साथ काशी आये, जिनको 6 सालों से अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं। अवतार शर्मा संस्कृत के प्रोफेसर और वेंकटरमन तेलुगु इंटर कालेज में की टीचर थीं। 13 साल की उम्र में वेंकटरमन की अम्मा के पिता के मौत के बाद अवतार शर्मा ने जिम्मेदारी उठायी और शादी की। अम्मा का 2006 में मेजर एक्सीडेंट हुआ और रीढ़ की हड्डियां टूट गयीं। तीन बार मेजर ऑपरेशन हुआ और अंदर प्लेट लगी हैं। डॉक्टर ने मना किया था कि कहीं मत जाना। 2011 में काशी आ गए, बाबा विश्वनाथ ने स्वस्थ रखा है। अवतार ने बताया, '2011 में ही एक दिन भोर के समय विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर रहा था और अचानक मुझे महसूस हुआ बाबा विश्वनाथ ने मुझे कई मिनट के लिए गले लगाया, उसी समय में कठिन दस महाविद्या का मंत्र अचानक पूरा याद हो गया। बस दोनों पति-पत्नी यहीं इसी नगरी में मरना चाहते हैं। यही नहीं, काशी के मुमुक्ष भवन में आठ लाख की लागत से एक पंचमुखी महादेव का शिव मंदिर भी बनवाया है, जिसमें द्वादश ज्योतिर्लिंग की आकृति है। कहा जाता है कि जो भी इसकी परिक्रमा करेगा उसे द्वादश ज्योतिर्लिंग का फल प्राप्त होगा। इनके चार बेटे भी हैं, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जिनमें दो बेटे अमेरिका में रहते हैं, एक बेंगलुरु में और एक हैदराबाद में जॉब करते हैं। जब बच्चों का मिलने का मन करता है तो वो काशी आते हैं पर अब बस यही इच्छा है कि अब यहीं वास करना हैं और यहीं मुक्ति पाना है।

26 सालों से कर रहें काशीवास

26 सालों से कर रहें काशीवास

ये हैं बी सत्यनारायण और उनकी पत्नी सूर्यकांत अम्मा, जो हैदराबाद के रहने वाले हैं। ये गुजरात सचिवालय में असिस्टेंट सेक्रेट्री के पद से रिटायर हुए हैं, इनका बेटा रेलवे में चीफ ऑफिसर है। 1954 से लेकर 1989 तक इनका कार्यकाल रहा। कई सरकार इनके सामने बनी भी और गिरी भी, तभी से इनके मन में ये ख्याल आता था कि आखिर जीवन से इतना मोह क्यों? यह तो बस एक माया जाल है। जब सत्यनारायण रिटायर हुए तो इन्होंने भारत भ्रमण शुरू किया और घूमते-घूमते काशी आ गए। उन्होंने बताया कि पुराणों में सुना था कि काशी में भगवान शिव मरनेवाले को तारक मंत्र देते हैं जिससे मोक्ष मिलता है और यही वजह थी कि काशी को चुना और बीते 26 सालों से ये काशी में रह कर उस क्षण का इंतजार कर रहे हैं।

परिवार का दायित्व पूरा करने के बाद मुक्ति की इच्छा

परिवार का दायित्व पूरा करने के बाद मुक्ति की इच्छा

काशी आये डॉक्टर वीएन पांडे और उनकी पत्नी सुशीला बिहार के रहने वाले हैं। ये कोल माइंस में मैनेजर और इनकी पत्नी जूनियर हाईस्कूल में टीचर रह चुकी हैं। इनके परिवार में दो बेटे और तीन बेटियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। उनका बड़ा बेटा कोल माइंस में जनरल मैनेजर और छोटा इंटर कालेज में टीचर है। अपने पूरे दायित्व से मुक्त होने के बाद ये मुक्ति के लिए काशी आये हैं जहां मां गंगा, बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, काल भैरव, 56 विनायक सहित सभी देवी-देवता मौजूद हैं। बच्चे आज भी अपने पास बुलाते हैं पर अब कहीं नहीं जाना। वे कहते हैं कि जीवन की इहलीला यहीं समाप्त करनी है।

पति के मुक्ति के बाद अब पत्नी देख रही मुक्ति की राह

पति के मुक्ति के बाद अब पत्नी देख रही मुक्ति की राह

इनका नाम है गुलाब, जो मध्य प्रदेश के इटारसी की रहने वाली हैं। ये अपने पति शिवनाथ राम के साथ 30 साल पहले काशी आयी थीं। यहीं मुक्ति की राह देखते हुए उनके पति 20 साल पहले गुजरे। अब वे अपने मोक्ष की राह देख रही हैं। इनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं। सभी सैटल हैं। गुलाब बताती हैं कि इस जिंदगी में सबकुछ मिला, अब बस मौत मिल जाये, वो भी काशी में क्योंकि जो मानसिक आनंद पृथ्वी पर काशी में बाबा विश्वनाथ देते हैं और कहीं नहीं है।

पति की मौत के बाद गीता चली आई काशी

पति की मौत के बाद गीता चली आई काशी

बनारस के बगल चन्दौली की रहनेवाली गीता अपने दिव्यांग बेटे कैलाश के साथ काशी के मुमुक्ष भवन में निवास करती हैं। इन्हें 20 सालों से अपने मौत का इंतजार है। परिवार में और कोई नहीं है, पति की मौत के बाद सभी ने साथ छोड़ दिया तो गीता काशी चली आयीं। यहां वे लोगों की सेवा करती हैं। बेटा मानसिक और शारीरिक विकलांगता का शिकार है। जब हमने पूछा यहीं मुक्ति क्यों तो उन्होंने कहा कि शंकर यहां मरनेवालों को मुक्ति देते है। मां अन्नपूर्णा जिन्दा रहने पर अन्न की कमी नहीं होने देती हैं।

और क्या-क्या हैं इस भवन की विशेषताएं?

और क्या-क्या हैं इस भवन की विशेषताएं?

मैनेजर मनीष पांडेय ने बताया कि मुमुक्षु भवन की स्थापना पंडित घनश्याम दत्त जी ने 1920 में काशीवास और मोक्ष के लिए आनेवाले लोगों के लिए की थी। इसके लिए राजा बलदेव दास बिड़ला ने जमीन और आर्थिक मदद दी थी। यह भवन पांच एकड़ में बना है। इस भवन में दंडी स्वामियों के लिए रहने के लिए कमरे, संस्कृत उच्च शिक्षा के लिए महाविद्यालय, अतिथिशाला, साधारण पर्यटक आवास, धार्मिक अनुष्ठान के लिए जगह, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक औषधिशाला भी है। यहां काशीवास के लिए जो भी लोग रुकते हैं, उनके परिवार का कोई गारेंटर होना आवश्यक है, जो उनकी पूरी जिम्मेदारी ले ताकि तबियत अत्यधिक खराब होने पर वो उनको डॉक्टर के पास ले जा सके और देखभाल कर सके। बनारस के लोगो को इसमें स्थान नहीं दिया जाता। बाहरी लोगों को ही इस भवन में रहने की अनुमति है। इसमें 55 कमरे हैं जिनमें 55 परिवार (पति-पत्नी ) काशीवास करते हैं। बिजली-पानी का किराया महीने का बस 100 से 200 रुपए देने पड़ते हैं। उनको खाना खुद बनाना पड़ता है। Read Also: वाराणसी: मेंटली चैलेंज्ड बच्चों के लिए वरदान बने ये दो दिव्यांग दोस्त

Comments
English summary
Mumukhsu Bhawan in Varanasi where people come to live and wait for death wishing salvation in life.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X