तो इसलिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बनाए हैं दो डिप्टी सीएम...
प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाने के पीछे भाजपा की खास रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। एक तरफ इससे जातियों के आंकडों को साधने की कोशिश की गई है, तो वहीं सत्ता का एकीकरण ना हो ये भी ध्यान रखा गया है।
नई दिल्ली। कई दिनों के इंतजार के बाद आज उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए भाजपा विधायकों ने योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुन लिया है। वहीं दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया है। दोनों का ही नाम सीएम के लिए भी दौड़ में था लेकिन उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है। प्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाने के पीछे भाजपा की खास रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। एक तरफ इससे जातियों को साधने की कोशिश की गई है, तो वहीं सत्ता का एकीकरण ना हो ये भी ध्यान रखा गया है।
चाय
बेचने
से
डिप्टी
सीएम
केशव
प्रसाद
मौर्य
भारतीय
जनता
पार्टी
के
प्रदेश
अध्यक्ष
47
साल
के
केशव
प्रसाद
मौर्य
कौशांबी
से
आते
हैं।
मौर्य
ने
बचपन
में
चाय
बेचने
का
काम
भी
किया
है।
काफी
कम
उम्र
में
ही
उन्होंने
राष्ट्रीय
स्वयं
सेवक
संघ
का
दामन
थाम
लिया
था।
मौर्य
ने
विश्व
हिन्दू
परिषद,
बजरंग
दल
और
भाजपा
में
कई
पदों
पर
काम
किया
है।
मौर्य
ने
सिराथू
विधानसभा
से
2012
में
और
2014
में
लोकसभा
चुनाव
में
फूलपुर
क्षेत्र
से
जीत
हासिल
की।
केशव प्रसाद मौर्या ओबीसी से आते हैं और माना जा रहा है कि ओबीसी वोटर को साधने के लिए ही उन्होंने मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया है। विधानसभा में ओबीसी के भारी समर्थन को देखते हुए केशव को ये सम्मान पार्टी ने दिया है। केशव इस समय लोकसभा सांसद हैं।
मोदी
के
करीबी
दिनेश
शर्मा
बने
डिप्टी
सीएम
दूसरे
डिप्टी
सीएम
दिनेश
शर्मा
लखनऊ
के
मेयर
और
बीजेपी
के
राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष
हैं।
शर्मा
ब्राह्मण
जाति
से
आते
हैं।
मेयर
बनने
से
पहले
शर्मा
लखनऊ
विश्वविद्यालय
में
प्रोफेसर
के
तौर
पर
काम
कर
रहे
थे।
ऐसे
में
उनकी
पहचान
एक
पढ़े-लिखे
नेता
की
है।
53
साल
के
दिनेश
शर्मा
को
मोदी
का
बेहद
करीबी
माना
जाता
है।
माना
जा
रहा
है
कि
ब्राह्मण
होने
के
कारण
ही
उनको
डिप्टी
सीएम
बनाया
गया
है
ताकि
ब्राह्मण
वोटों
पर
पकड़
मजबूत
की
जा
सके।
शर्मा
भी
उत्तर
प्रदेश
विधानमंडल
दल
के
सदस्य
नहीं
है।
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