इलाहाबाद: केस में केशव मौर्य को मिल सकता है ये दंड, सेक्टर मजिस्ट्रेट सस्पेंड
भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य पार्टी सिंबल के साथ वोटिंग करने गए थे। इस केस में सेक्टर मजिस्ट्रेट को डीएम ने सस्पेंड कर दिया है।
इलाहाबाद। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के पार्टी सिंबल के साथ मतदान केन्द्र के अंदर जाने का मामला गर्माता ही जा रहा है। शनिवार को केशव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने के बाद संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट पर भी गाज गिर गई। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सेक्टर मजिस्ट्रेट के खिलाफ जिलाधिकारी से निलंबन और विभागीय कार्यवाही की संस्तुति कर दी है। सेक्टर मजिस्ट्रेट पर लापरवाही का आरोप है। डीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि 23 फरवरी की शाम तक ही पूरा मामला जानकारी में आ गया था। उसके बावजूद भी सेक्टर मजिस्ट्रेट ने मुकदमा नहीं दर्ज कराया।
Read Also: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य पर दर्ज हुआ मुकदमा, जानिए क्या है मामला?
रिटर्निग
अफसर
से
भी
जवाब
तलब
केशव
मामले
में
आयोग
की
सख्ती
के
बाद
संबंधित
अधिकारियों
पर
भी
सख्ती
शुरू
हो
गई
है
।
आयोग
ने
रिटर्निंग
अफसर
से
जवाब-तलब
किया
है
और
इस
पूरे
मामले
में
उनका
पक्ष
पूछा
गया
है।
रिटर्निंग
अफसर
अगर
बूथ
कर्मचारियों
के
खिलाफ
भी
लापरवाही
की
रिपोर्ट
देते
हैं
तो
पीठासीन
अधिकारी
से
लेकर
चुनाव
ड्यूटी
कर
रहे
कर्मचारियों
की
भी
मुश्किल
बढ़ेगी।
केशव
को
क्यों
नहीं
रोका
गया
मालूम
हो
कि
भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष
केशव
प्रसाद
मौर्य
ने
23
फरवरी
को
मतदान
के
दौरान
अपने
कपड़े
पर
पार्टी
का
सिंबल
लगा
रखा
था।
इसके
बावजूद
उन्हें
किसी
ने
रोका-टोका
नहीं।
यह
मामला
मीडिया
में
आया
तो
बखेड़ा
खड़ा
हो
गया।
जिला
निर्वाचन
अधिकारी
ने
कड़े
तेवर
दिखाये
तो
केशव
पर
मुकदमा
दर्ज
हो
गया।
लेकिन
इसमें
पीठासीन
अधिकारी
व
अन्य
मतदान
कर्मियों
की
लापरवाही
साफ
तौर
पर
उजागर
हुई
है।
जिला
निर्वाचन
अधिकारी
संजय
कुमार
ने
स्पष्ट
किया
कि
लापरवाही
बरतने
के
कारण
सेक्टर
मजिस्ट्रेट
के
खिलाफ
निलंबन
और
विभागीय
कार्यवाही
की
संस्तुति
उनके
विभाग
से
कर
दी
गई
है।
रिटर्निंग
अफसर
को
कारण
बताओ
नोटिस
जारी
किया
गया
है।
बोले
सेक्टर
मजिस्ट्रेट
तूल
पकड़ते
केशव
मामले
में
सेक्टर
मजिस्ट्रेट
सुनील
कुमार
सिंह
ने
बताया
कि
यह
मामला
उनके
संज्ञान
में
नहीं
था
और
न
ही
इस
विषय
में
उनके
पास
कोई
साक्ष्य
हैं।
थाने
में
दी
गई
तहरीर
में
भी
लिखा
है
कि
यह
तहरीर
वे
एडीएम
प्रशासन,
सिटी
मजिस्ट्रेट
और
रिटर्निग
अफसर
के
निर्देश
पर
दे
रहे
हैं।
इस
वजह
से
अधिकारी
बेहद
नाराज
हैं।
यही
वजह
है
कि
जहां
पीठासीन
अधिकारी
व
अन्य
कर्मियों
से
जवाब-तलब
तक
नहीं
किया
जा
रहा
है,
वहीं
सेक्टर
मजिस्ट्रेट
के
निलंबन
की
संस्तुति
हो
गई
।
दंड
के
तौर
पर
2500
का
जुर्माना
केशव
मौर्य
पर
आचार
संहिता
की
जिस
लोक
प्रतिनिधित्व
अधिनियम
की
धारा
130
डी
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
है
वह
संज्ञेय
अपराध
की
श्रेणी
में
तो
आता
है।
लेकिन
इस
धारा
में
अधिकतम
दंड
2500
रुपये
का
जुर्माना
ही
है।
केशव
मौर्य
ने
भी
कहा
है
कि
वह
कानून
का
पूरा
सम्मान
करते
हैं।
भूलवश
मतदान
के
दौरान
उनके
कपड़े
पर
पार्टी
का
चुनाव
निशान
लगा
रह
गया
था।
इसके
लिए
जो
भी
निर्धारित
दंड
होगा,
उसे
वे
स्वीकार
करेंगे।
Read Also: पीएम मोदी पर हल्ला बोल, पोस्टर जारी कर गधे को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग